Black Marketing of Gas Cylinders : गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी में 3 के खिलाफ मामले दर्ज!

बाहर से सिलेंडर लाकर इंदौर की होटलों में सप्लाय किया जाता!

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Black Marketing of Gas Cylinders : गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी में 3 के खिलाफ मामले दर्ज!

Indore : जिले में अवैध रूप से एलपीजी गैस सिलिंडरों के अवैध भंडारण एवं अवैध रूप से विक्रय करने वालों के विरुद्ध खाद्य विभाग द्वारा कार्यवाही की गई। बाहर से सिलेंडर लाकर उन्हें इंदौर की होटलों को बेचा जाता था। व्यावसायिक गैस सिलेंडर लोकल रेगुलेटर एवं गैस पाइप के माध्यम से ऑटो के इंजन से कनेक्ट होकर ऑटो का संचालन एलपीजी गैस से किया जाना भी पाया गया।
जिला आपूर्ति नियंत्रक ने बताया कि आरोपी चन्दन नगर निवासी इरफान शेख पिता हुसैन शेख, आसिफ शाह पिता सोहराब और चन्द्रावती गंज निवासी आसिफ खान पिता आशिक खान द्वारा व्यावसायिक गैस सिलेंडर का अवैध संग्रहण, अनाधिकृत रूप से एलपीजी गैस का अंतरण करने एवं अनाधिकृत रूप से एलपीजी गैस वाहन का संचालन करते पाए जाने पर इनके विरूद्ध चंदन नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
बताया गया कि गत एक अप्रैल को प्राप्त सूचना के आधार पर मकान नंबर 29 ई चंदन नगर मदीना मस्जिद के पास,से इरफान शेख एवं आसिफ शाह को गैस सिलेंडरों का अवैध संग्रहण पकड़ा था। अनाधिकृत रूप से गैस रिफिल करते हुए क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने पकड़कर एक लोडिंग ऑटो में गैस सिलेंडर भरकर पुलिस थाना चंदन नगर रवाना किया। यहां आने पर खाद्य विभाग एवं क्राइम ब्रांच पुलिस के अधिकारियों द्वारा इरफान शेख एवं आसिफ शाह की उपस्थिति में जांच की गई।

जांच में कई अनियमितताएं मिली
जांच के दौरान ऑटो में 19 किलो क्षमता के व्यवसायिक गैस सिलेंडर 19 नग भरे (सील्ड पैक) एवं 28 नग खाली एचपीसीएल कंपनी, 2 नग खाली बीपीसीएल कंपनी, 5 किलो क्षमता का 1 नग खाली एचपीसीएल कंपनी, इंडस्ट्रियल उपयोग 47 किलो क्षमता के 5 नग खाली एचपीसीएल कंपनी के गैस सिलेंडर, एक नग इलेक्ट्रिक गैस रिफिल मशीन मय कनेक्टर, पाइप एवं एक तोल कांटा संग्रहित पाया गया।

पेट्रोल पासिंग ऑटो गैस से चलाया
लोडिंग ऑटो की ड्राइविंग सीट के ऊपर बनी छत पर एक 19 किलो व्यवसायिक गैस सिलेंडर लोकल रेगुलेटर एवं गैस पाइप के माध्यम से ऑटो के इंजन से कनेक्ट होकर ऑटो का संचालन एलपीजी गैस से किया जाना पाया गया। मौके पर इरफान शेख ने स्वीकार किया कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में लोडिंग ऑटो उनके पिताजी के नाम पर रजिस्टर है तथा ऑटो का संचालन उनके स्वयं के द्वारा एलपीजी गैस सिलेंडर से रेगुलेटर कनेक्ट कर किया जाता है। जबकि, वाहन आरटीओ में पेट्रोल से चलाने के लिए पंजीबद्ध है।

होटलों में सिलेंडर का सप्लाय
इरफान शेख द्वारा स्वीकार किया गया कि ऑटो में पाए गए 5 नग 47 किलो क्षमता के व्यवसायिक गैस सिलेंडर आसिफ शाह के है। इसके अतिरिक्त ऑटो में पाए गए सभी 19 किलो एवं 5 किलो के व्यवसायिक गैस सिलेंडर उनके स्वयं के हैं। जो वह सोमराजा एचपी गैस ग्रामीण वितरक, छत्री तिलगरा रोड जावरा तहसील बदनावर जिला धार से लेकर आते हैं एवं आसिफ खान को विक्रय के लिए दिए जाते हैं। आसिफ खान द्वारा ही इंदौर के होटलो में उनके ऑटो से सिलेंडर प्रदाय किए जाते हैं। लोडिंग ऑटो में पाए गए 5 नग 47 किलो क्षमता के इंडस्ट्रियल उपयोग के व्यवसायिक गैस सिलेंडर में अनुषा गैस एजेंसी के हैं। उसके द्वारा एजेंसी से 20 नग भरे 19 किलो के व्यवसायिक गैस सिलेंडर लेकर मार्केट में विक्रय करने के लिए इरफान को दिये थे।

बाहर से सिलेंडर लाकर बेचे जाते
आसिफ शाह द्वारा इरफान को 47 किलो के व्यवसायिक गैस सिलेंडर भी विक्रय के लिए दिए जाते है। मौके पर आसिफ खान ने पूछताछ में बताया कि वह में सोमराजा एचपी गैस ग्रामीण वितरक, जावड़ा तहसील बदनावर जिला धार का अधिकृत डीलर है तथा गत 4-5 वर्षों से एजेंसी का कार्य कर रहे हैं। उक्त एजेंसी से उनके द्वारा 19 किलो के व्यवसायिक गैस सिलेंडर लाकर इंदौर के विभिन्न होटलों में विक्रय किये जाते है। आसिफ द्वारा स्वीकार किया गया कि उनके द्वारा अधिक समय उक्त ऑटो में ही मांगलिया एचपीसीएल प्लांट से लाकर इंदौर के होटलों में विक्रय किए जाते है। इरफान शेख के विरूद्ध कार्यालय में पूर्व में भी गैस सिलेंडरों का अवैध क्रय-विक्रय/ संग्रहण/परिवहन का प्रकरण दर्ज है जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस थाना बेटमा में दर्ज करवाई गई है, जिसका प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है।

तीन आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज
इरफान शेख पिता मोहम्मद हुसैन शेख, आसिफ शाह पिता सोहराब एवं आसिफ खान पिता आशिक खान द्वारा उपरोक्त कृत्य कर द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (प्रदाय और वितरण विनियमन) आदेश 2000 की कंडिका 1(घ), 1 (थ), 4 (क), 6, 7 (क), 7 (ग) तथा इरफान शेख द्वारा द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (मोटरयानो में उपयोग का विनियमन) आदेश 2001 की कंडिका 1(ख), 1(ग), 3(3) का उल्लंघन किया गया है जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत दंडनीय है। जिसके तहत आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई है।