Blank Card Out : RTO में खाली कार्ड का टोटा, लाइसेंस के लिए फिर इंतजार!
Indore : आरटीओ में एक बार फिर खाली रजिस्ट्रेशन कार्ड (RC) खत्म होने से कार्ड की कमी से जनता को जूझना पड़ रहा है। लाइसेंस के खाली कार्ड एक बार फिर खत्म हो गए। इस कारण लोगों को लाइसेंस के लिए फिर इंतजार करना पड़ रहा है। एजेंटों का कहना है कि आरटीओ में खास लोगों के लिए कार्ड बचाकर रख लिए जाते हैं। इन्हें तत्काल निकाल कर दे दिया जाता है। जबकि, आम लोगों को लाइसेंस के लिए भटकाया जाता है।
अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया जा रहा है कि कुछ ही दिनों में कार की कमी की पूर्ति कर दी जाएगी। आरटीओ में पिछले हफ्ते ही कार्ड खत्म हो चुके हैं। कुछ दिन पहले ही 8000 खाली कार्ड परिवहन विभाग ने बुलवाएं थे। लेकिन, कार्ड का काम इतना ज्यादा लंबित था कि कार्ड कुछ ही दिनों में दोबारा खत्म हो चुके है। इससे फिर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जिन लोगों ने एजेंट के माध्यम से लाइसेंस बनवाए थे, एजेंट उन्हें कार्ड की किल्लत का हवाला देकर लाइसेंस नहीं मिलने का कह रहे हैं। एजेंटों का कहना है कि हर थोड़े दिन में यहां परेशानी आ रही है, लोग हमें परेशान करते हैं। जबकि, अधिकारी और कर्मचारी सीधे मना कर देते हैं कि कार्ड नहीं है।
रजिस्ट्रेशन कार्ड की बात करें तो उसकी भी कमी बताई जा रही है। वाहनों के डीलर 90 दिन में रजिस्ट्रेशन कार्ड बनकर आने के लिए कह रहे हैं। नए वाहन लेने वाले लोगों के लिए भी नंबर प्लेट पर एक सप्ताह में मिल जाती है। लेकिन, रजिस्ट्रेशन कार्ड के लिए उन्हें 3 महीने तक इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। आरटीओ के अधिकारियों का कहना है कि मुख्यालय में सूचना दी गई है। जल्दी ही कार्ड की व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी।
लंबे समय से संकट
परिवहन विभाग में लंबे समय से ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन कार्ड का संकट बना हुआ है। स्मार्ट चिप कंपनी इस संकट से विभाग को नहीं उबार पा रही है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की चेतावनी का असर भी दिखाई नहीं दे रहा। कार्ड की कमी के चलते एक सप्ताह में हजारों की संख्या में पेंडेंसी बढ़ गई है।
जानकारी के अनुसार 6 महीने से विभाग के पास कार्ड की कमी बनी है। इसे दूर किए जाने के लिए कई बार आसपास के जिलों से कार्ड बनाए गए, लेकिन वे भी नाकाफी रहे। हर महीने कार्ड संकट झेल रहे अधिकारियों ने कई बार स्मार्ट चिप कंपनी के कर्ताधर्ताओं को चेतावनी तक दे डाली, लेकिन इसका असर भी अब नजर नहीं आ रहा।