मीडियावाला.इन। मुरैना के जीवाजी गंज के टाउन हाल में इस बार रौनक ही दूसरी है, कहने को मेला है मगर साडी कपडों का नहीं गजक का। यदि आप हैरान होकर पूछेगे कि मेला और वो भी गजक...
तकरीबन पच्चीस साल के पत्रकारिता करियर में अधिकतर वक्त टीवी चैनल की रिपोर्टिंग करते हुये गुजारा। सहारा टीवी से होते हुये स्टार न्यूज में जो अब एबीपी न्यूज के नाम से चल रहा है। इसी एबीपी न्यूज चैनल के लिये पंद्रह साल से भोपाल में विशेष संवाददाता। इस दौरान रोजमर्रा की खबरों के अलावा एमपी यूपी उत्तराखंड गुजरात और महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों की रिपार्टिंग कर इन प्रदेशों के चुनावी रंग देखे और जाना कि चुनावी रिपोर्टिग नहीं आसान एक आग का दरिया सा है जिसमें डूब के जाना है। चुनावी रिपोर्टिंग में डूबते उतराने के दौरान मिले अनुभवों के आधार पर अखबारों में लिखे गये लेख, आंकडों और किस्सों के आधार पर किताब चुनाव राजनीति और रिपोर्टिंग मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव २०१३ लिखी है जिसमें देश के पहले आम चुनाव की रोचक जानकारियां भी है।
लेखक टीवी में प्रवेश के पहले दिल्ली और भोपाल के अखबारों में उप संपादक और रिपोर्टर रहे। जैसा कि होता है इस लंबे अंतराल में कुछ इनाम इकराम भी हिस्से आये जिनमें मुंबई प्रेस क्लब का रेड इंक अवार्ड, दिल्ली का मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड, देहरादून का यूथ आइकान अवार्ड, मध्यप्रदेश राष्टभाषा प्रचार समिति भोपाल का पत्रकारिता सम्मान, माधवराव सप्रे संग्रहालय का झाबरमल्ल शर्मा अवार्ड और शिवना सम्मान।
पढाई लिखाई एमपी के नरसिंहपुर जिले के करेली कस्बे के सरकारी स्कूल से करने के बाद सागर की डॉ हरिसिंह गौर विश्वविदयालय से बीएससी, एम ए, पत्रकारिता स्नातक और स्नातकोत्तर करने के बाद भोपाल की माखनलाल चतुर्वेदी राष्टीय पत्रकारिता विश्वविघालय से पीएचडी भी कर रखी है।
मीडियावाला.इन। मुरैना के जीवाजी गंज के टाउन हाल में इस बार रौनक ही दूसरी है, कहने को मेला है मगर साडी कपडों का नहीं गजक का। यदि आप हैरान होकर पूछेगे कि मेला और वो भी गजक...
मीडियावाला.इन। शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के सीएम पद पर शपथ लेने के बाद ही अब जाकर महाराष्ट्र में शांति हुयी है वरना पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उठापटक में पूरे देश में शांति छायी ही...
मीडियावाला.इन। वैसे तो घर पर टीवी कम देखता हूं मगर शुक्रवार की रात में टीवी देखकर सोने से पहले फेसबुक और टविटर पर अपडेट डाला था कि महाराप्ट में अब सरकार का संकट सुलझा, पवार ने किया है इशारा...
मीडियावाला.इन। वो इंडियन काफी हाउस की दोपहर ही थी जब दिग्विजय सिंह ने हम पत्रकार मित्रों के बीच फोन लगाकर प्रदेश के मुख्य सचिव को कहा था कि अब्दुल जब्बार के जल्दी भोपाल से बाहर देश के किसी अच्छे...
मीडियावाला.इन। शुक्रवार की रात नौ बजे ही थे कि सूरज का फोन आ गया। ये क्या कल अयोध्या विवाद का फैसला आ रहा है कोई चैनल चला रहा है, मैंने कहा फैसला आना तो है मगर गुरूनानक...
मीडियावाला.इन। बृहस्पतिवार की दोपहर ग्यारह बजे मध्यप्रदेश विधानसभा के विधानसपरिपद सभागार में जब कांतिलाल भूरिया को विधानसभाध्यक्ष नर्मदाप्रसाद प्रजापति विधायक पद की शपथ दिला रहे थे तो माहौल उर्जा से भरा हुआ था। इस मौके पर ज्योतिरादित्य...
मीडियावाला.इन। तीन साल पहले वो भी अक्टूबर के ही दिन थे जब इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के हाल में सामने बैठे पत्रकारों के सामने उस समय के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दो दिन के इन्वेटस्टर समिट की समाप्ति...
मीडियावाला.इन। वैसे मैं गया तो था भोपाल कलेक्टर तरूण पिथोडे से मिलने जो किसी बैठक के सिलसिले में पुलिस कंटोल रूम आये हुये थे। वो सामने सोफे पर बैठे थे और मुझे बता रहे थे कि पटना और पुणे...
मीडियावाला.इन। वैसे तो सुबह हम निकले थे सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह के घर की ओर मगर चौहत्तर बंगले के पास पहुंचते ही फालो गार्ड के साथ गाडियों का काफिला निकला। सोचा कौन हो सकता है तभी याद आया कि...
मीडियावाला.इन। इस बार हमारे मध्यप्रदेश में गजब पानी गिर रहा है। ये कालम लिख रहा हूं और बाहर पानी बरस रहा है। हो सकता है आप जब ये पढ रहे हो तब भी बाहर पानी गिर रहा हो। सावन...
मीडियावाला.इन। रोज की तरह उस दिन भी जल्दी ही उठ गया था, उठते ही अंधेरे में ही मोबाइल में वाटस अप पर आये मैसेज चैक भी कर लिये थे। कहीं से कोई वैसी खबर नहीं थी जिससे सिर के...
मीडियावाला.इन। वो आठ साल पुरानी अगस्त की ही तो बात थी जब अन्ना आंदोलन के दौरान भोपाल में हुआ मर्डर देश भर की सुर्खियों में लंबे वक्त तक रहा। जी हां वो मर्डर था शेहला मसूद का। जिसे दिन...
मीडियावाला.इन। तो सर, दूध की कहानी तो निपटा ली अब चंबल की रेत के अवैध उत्खनन पर भी घंटी बजा ही दीजिये। ये थे हमारे मुरैना के मित्र उपेंद्र गौतम। अरे छोडो यार कितनी बार चंबल का उत्खनन दिखायेंगे।...
मीडियावाला.इन। सच बहुत ही अजीब लग रहा है कि ग्राउंड रिपोर्ट के लिये अपने प्रिय नेता बाबूलाल गौर पर लिखने बैठा हूं और टीवी स्क्रीन पर अरूण जेटली के निधन की दुखद खबर चल रही है। जेटली के कुछ...
मीडियावाला.इन। दृश्य एक : सर एक चीज समझ नहीं आ रही कि इतनी अच्छी बारिश हो रही है मगर कोई चैनल तो क्या कोई अखबार भी एक फोटो नहीं छाप रहा कि किसानों के चेहरे बारिश से चमके। सब...
मीडियावाला.इन। पत्रकारिता करते करते कुछ मसलों या कहें कि मुददों से प्यार सा हो जाता है। होते हैं कुछ मसले दिल के करीब जिन पर कहानी करने...
मीडियावाला.इन। कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार क्या गिरी हमारे लिये नयी मुसीबत हो गयी। रोज सुबह दफ्तर से यही फोन आता था कि और कब तक है कमलनाथ सरकार ? दिल्ली से दोस्तों के फोन पर भी यही सवाल और...
mediawala.in कौन बनेगा करोडपति.. की तर्ज पर हमने कौन बनेगा मुख्यमंत्री... और फिर कौन बनेगा प्रधानमंत्री... जैसे शो पिछले कुछ दिनों में चैनलों पर देखे। अमिताभ बच्चन जी के करोडपति की तलाश कई दफा पूरी हुयी। हमारे मध्यप्रदेश में...
मीडियावाला.इन। राग दरबारी पर कुछ लिखना ठीक वैसा ही है जैसा नदी के पानी को अंजुली में उठाकर फिर सोचना कि अरे बहुत सारा पानी तो नीचे रह गया। राग दरबारी हमारे कालेज के दिनों की पसंदीदा किताब रही है।...
मीडियावाला.इन। इंदौर के गंजी कंपाउंड की गली के अंदर वो छोटा सा तीन तरफ का प्लाट था जिस पर तीनों ओर से पुराने जर्जर से मकान पर नगर निगम की तीन जेसीबी और दो पोकलैंड मशीनें चौतरफा हमला सा...