Blood Donor : रतलाम के रक्तदाता दिलीप भंसाली का इंदौर में अभिनंदन
रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
रतलाम। जिंदगी और मौत से संधर्ष करने वाले मरीजों को अपना रक्त देकर उनकी जान बचाने वाले योद्धाओं की रतलाम शहर में कमी नहीं है। इस ग्रुप में किसी भी चिकित्सालय के मरीजों की खून संबंधित जरूरतों पर सैकड़ों blood donor का खड़े हो जाना सामान्य बात है।
दिलीप भंसाली, राजेश पुरोहित, सुनील गोयल, कीर्ति गहलोत, मोहित भरगट, प्रितेश जैन, लक्की पांचाल, कान्हा पांचाल शहर के ऐसे ही नाम हैं। अभी चिकित्सालयों में मरीजों को बेड नहीं मिल रहें हैं। कोई डेंगू का शिकार होकर परेशान हैं, तो कोई प्लेटलेट्स से प्रभावित होकर रक्त के लिए भागते फिर रहे हैं।
ऐसे में इन लोगों की संस्था के वाट्सअप ग्रुप में रक्त की व्यवस्था में संगठन के जवान व्यवस्था जुटाने में लगे रहते हैं। इन्हीं लोगों के द्वारा महामारी कोरोना काल मे इनके ग्रुप द्वारा दी गई रक्त सेवा को लेकर इंदौर में ‘उड़ते परिंदे सीहोर सेवा फाउंडेशन’ व ‘शुभम ब्लड बैंक इंदौर’ के सौजन्य से एक सादे समारोह में कृष्णा सोनी व शुभम परमार द्वारा मप्र के 52 जिलों के कोऑर्डिनेटर का सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
इस समारोह में डॉ रितेश अग्रवाल व डॉ प्राची अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य में रक्त प्रबंधकों का राज्यस्तरीय सम्मान किया गया। इसमें रक्तदान जीवनदान टीम blood donorटीम रतलाम का सम्मान भी किया गया।
इस तारतम्य में रतलाम के रक्तमित्र दिलीप के भंसाली ने यह सम्मान ग्रहण कर रतलाम के उन सभी रक्तदूतों(blood donor) को समर्पित किया, जिन्होंने कोरोना काल में अपने जीवन की परवाह नहीं करते हुए पीड़ित रोगियों को सेवाएं प्रदान की।
साथ ही वर्तमान में डेंगू जैसी बीमारी में सक्रियता से रक्तदान व रक्त व्यवस्था(blood donor) में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। टीम को राज्यस्तरीय व राष्ट्रीय स्तर पर अभी तक 25 बार सम्मानित किया जा चुका है।
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दिलीप भंसाली ने अपने जीवन काल में 96 मर्तबा रक्तदान कर अपने शरीर से रक्त पीड़ित रोगियों को रक्त देकर परोपकार के हवन कुंड में अपनी आहुतियां दी। इनके ही ग्रुप में ऐसे कई रक्तदाता हैं, जिन्होंने अपने जीवनकाल में एक शतक से भी अधिक बार रक्तदान कर मानवता की मिसाल कायम की है।
राजेश पुरोहित, सुनील गोयल, कीर्ति गहलोत, मोहित भरगट, प्रितेश जैन, लक्की पांचाल, कान्हा पांचाल आदि ने बधाई देते हुए हर्ष व्यक्त किया।
दो दिन पहले एक युवती को चार यूनिट रक्त की अस्पताल में आवश्यकता पड़ गई थी। पर, व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। मरीज के एक रिश्तेदार ने सामाजिक वाट्सअप ग्रुप में यह बात शेयर की, तों ग्रुप के किसी सदस्य ने दिलीप भंसाली और मोहित भरगट तक बात पंहुचाई।
कुछ ही समय में चिकित्सालय में मरीज को रक्त की पूर्ति कर मानवता को समर्पित मिसाल कायम की। दिलीप भंसाली कहते हैं कि मुझे मिलने वाला हर सम्मान मेरा नहीं मेरे शहर रतलाम का सम्मान हैं।