Body Donation : समाजसेवी राजेन्द्र कुमार पावेचा के निधन पर परिजनों दी देहदान, नेत्रदान की मंजूरी!

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Body Donation : समाजसेवी राजेन्द्र कुमार पावेचा के निधन पर परिजनों दी देहदान, नेत्रदान की मंजूरी!

 

Ratlam : मध्य प्रदेश की धर्मस्व नगरी रतलाम सोना, सेव और साड़ी के नाम से विख्यात होने के बाद अब नेत्रदान और देहदान जैसे पुनीत कार्य में अग्रणी भूमिका रहीं हैं यहां की सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों और समाजसेवियों की सक्रियता निरंतर नेत्रदान के ग्राफ में वृद्धि हो रही हैं।

अब हम बात करें नेत्रदान करने वाली डॉक्टर टीम की तो रतलाम में मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ अनिता मुथा को सूचना मिलने पर उनके निर्देश पर टीम मौके पर पहुंचकरनेत्रदान की प्रक्रिया पूर्ण करती हैं।

दुसरी डॉक्टर टीम की बात करें तो बड़नगर गीता भवन न्यास की टीम और डॉक्टर जीएल ददरवाल को भले ही आधी रात को सूचना मिले तो बस वह निकल पड़ते हैं अपने मिशन को पूरा करने।

रविवार की रात शहर के समाजसेवी रेलवे से सेवानिवृत्त अधिकारी राजेन्द्र कुमार पावेचा का निधन होने पर उनके सुपुत्र, सुशील, यशवंत, मनोज, सुपुत्री रेखा लालन, माधुरी चोपड़ा ने अपने पिताजी की इच्छानुसार समाजहीत में चिकित्सा शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए देहदान और नेत्रदान करने की सहमति प्रदान की।

नेत्रम संस्था बड़नगर द्वारा गीता भवन न्यास के ट्रस्टी एवम नेत्रदान प्रभारी डॉ जीएल ददरवाल को सूचित किया गया सूचना प्राप्त होते ही वे अपनी टीम की कुमारी चंचल पाटीदार, परमानंद राठौड़ एवम मनीष तलाच के साथ रात्रि में 10 बजे बडनगर से रतलाम पंहुचे और नेत्रदान की प्रक्रिया पूर्ण कर सफलतापूर्वक नेत्रदान किया।

नेत्रदान के समय नेत्रम संस्था के हेमन्त मूणत, नवनीत मेहता, ओमप्रकाश अग्रवाल, गिरधारीलाल वर्धानी, मीनु माथुर, चंद्रशेखर पावेचा, मिथिलेश पावेचा, पारस मूणत, राजेश बरमेचा मौजूद थे। सोमवार सुबह उनके निवास नजरबाग कालोनी से अंतिमयात्रा निकल कर डॉ लक्ष्मीनारायण पांडे मेडिकल कालेज पहुंची। जहां देहदान की प्रक्रिया सम्पूर्ण कर उनके पार्थिव शरीर को मेडिकल कालेज की प्रशासनिक टीम के सुपुर्द किया गया। देहदान के बारे में जानकारी डीन श्रीमती अनिता मुथा, शरीर संरचना विभाग प्रभारी डॉ जितेंद्र गुप्ता, गोविन्द काकानी, रोटरेक्ट यशवंत पावेचा, प्रोफेसर मनोहर जैन ने अपने उद्बोधन में उपस्थित विद्यार्थियों प्रेरणादायक मार्गदर्शन दिया।

इस अवसर एसो प्रोफेसर डॉ. राजेन्द्र सिंगरोले, सहायक प्रोफेसर विजय सिंह चौहान, डॉ. अनील पोल, डेमोस्टेटर डॉ पुनीत शर्मा, डेमोस्टेटर डॉ प्रवीण भारती, PG पुनीत शर्मा, सहायक टेक्नीशियन छोगालाल प्रजापति, सुरेन्द्र मईड़ा, सुनील महावर, राजकुमार का सराहनीय सहयोग रहा। देहदान प्रक्रिया के दौरान गोविन्द काकानी, प्रोफेसर मनोहर जैन, गोपाल पतरावाला, कमलेश बुपकीया, पारस मूणत, रोटे, राजेश जैन, अशोक डांगी मौजूद रहें अंतिम यात्रा में सम्मिलित परिजनों, कॉलेज के स्टाफ, विद्यार्थियों, मित्रगणों ने 2 मिनट का मौन रखकर मृतात्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की!