8 दिन बाद लापता वेयर हाउस संचालक का शव मिला,3 घंटे के चक्का जाम के बाद दर्ज हुआ हत्या का प्रकरण 

परिजनों ने कहा,पुलिस ने ढूंढने के नहीं किए प्रयास,अन्यथा नहीं मरता

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8 दिन बाद लापता वेयर हाउस संचालक का शव मिला,3 घंटे के चक्का जाम के बाद दर्ज हुआ हत्या का प्रकरण 

 

संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट

सिवनीमालवा। विगत 8 दिन से लापता,दत्तात्रेय मंदिर के पास रहने वाले, युवा वेयर हाउस संचालक विनोद तिवारी, का शव सतपुड़ा की गर्दन बाबा पहाड़ी पर मिला,तो क्षेत्र में हड़कंप मच गया। पुलिस की कार्यशैली का अंदाजा इसी बात से लगता है कि 3 घंटे तक चक्काजाम होने के बाद व ए एस पी अवधेश प्रताप सिंह के आने व एक्शन लेने के निर्देश के बाद कहीं हत्या का मामला दर्ज किया।

जबकि पहाड़ी पर मिले लापता वेयरहाउस संचालक के मृत शरीर पर कई घाव थे व परिजनों का आरोप है कि वे सूदखोरों से परेशान थे। ए एस पी अवधेश प्रताप सिंह ने मीडिया को बताया कि एफएसएल टीम ने मौके का मुआयना किया है। टीम गठित कर पूरे मामले में निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट आने के बाद जांच तेज कर दी है। कुछ लोगों के नाम परिजनों ने पुलिस को बताए हैं, जिन पर परिजनों को शक था उन्हें भी पुलिस पूछताछ के लिए थाने लाई है। ज्ञात रहे कि 8 दिन से लापता नगर के ठाकुर मोहल्ला दत्तात्रेय मंदिर के पास रहने वाले विनोद तिवारी (46) का शव मंगलवार को सतपुड़ा की गर्दनबाबा वाली पहाड़ी पर मिला। वे विनोद वेयरहाउस संचालन और मिनरल वॉटर का व्यवसाय करते थे।

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पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. ऋषि साहू और डॉ. कांति बाथम ने विनोद के पैर पर घाव और गले पर धारदार हथियार के निशान होने की पुष्टि की। पुलिस की कार्रवाई से नाराज परिजनों ने हत्या की आशंका जताकर बुधवार को गांधी चौक पर शव रखकर करीब 3 घंटे तक चक्काजाम किया। तुरंत हत्या का केस दर्ज करने और टीआई को हटाने की मांग की। नाराजगी बढ़ती देख एएसपी अवधेश प्रताप सिंह पहुंचे और तुरंत शार्ट पीएम रिपोर्ट तैयार कराई। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात पर केस दर्ज किया। तब परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। थाना प्रभारी गौरव बुंदेला ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति का शव जंगल में पड़ा होने की सूचना मिली थी।

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शव का पंचनामा बनाया। शव विनोद तिवारी का था। उनकी गुमशुदगी थाने में दर्ज है। विनोद की मृत्यु किन कारणों से हुई है, यह तो पोस्टमॉर्टम के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा। अज्ञात पर हत्या का केस दर्ज किया है। पर परिजन अभी भी स्थानीय पुलिस से काफी नाराज़ हैं। उनका आरोप है कि पुलिस ने लापरवाही की , 8 दिन तक लापता विनोद तिवारी का कोई सुराग ही नहीं लगा पाई। सी सी टी वी फुटेज भी हमने ही निकलवाए। छोटे भाई विवेक और नवीन तिवारी के मुताबिक विनोद ने व्यापार के लिए कुछ लोगों से रुपए लिए थे। अधिक ब्याज के लिए सूदखोर विनोद को परेशान कर रहे थे। विवेक का आरोप है कि 13 जून से लापता विनोद तिवारी को ढूंढने में पुलिस ने लापरवाही की । गंभीरता से तलाश की जाती तो विनोद जिंदा मिल जाते। 8 दिन तक. पुलिस कोई सुराग ही नहीं लगा पाई। सीसीटीवी फुटेज भी हमने ही निकलवाए। घटना स्थल पर हमने देखा कि विनोद का जबड़ा तिरछा था और उसके गले पर भी निशान थे।

गांधी चौक पर चक्काजाम करने के दौरान लोगों ने पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। राजनीतिक दलों के लोगों और परिजनों ने टीआई को हटाने की मांग की। भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संतोष पारिक, कांग्रेस के पूर्व विधायक ओमप्रकाश रघुवंशी, समीर शर्मा, कमल रघुवंशी, सुशील खत्री जैसे नेता धरना स्थल पर उपस्थित रहे। कांग्रेस नेता समीर शर्मा ने एसपी और कलेक्टर से मोबाइल पर चर्चा की और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। एफआईआर दर्ज होने के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार किया।