Botswana Variants : नए खतरे से दुनियाभर में दहशत, WHO ने बैठक बुलाई
New Delhi : कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट से दुनियाभर में दहशत है। इस कोरोना के इस नए रूप को बोत्सवाना वेरिएंट नाम दिया जा रहा है। इस वेरिएंट के आने के बाद जहां लोग घबराए हुए हैं, वहीं विशेषज्ञ अभी धैर्य रखने की सलाह दे रहे हैं। शेयर बाजार धड़ाम हो रहे हैं और दुनिया भर की सरकारें चेतावनी दे रही हैं। भारत में भी सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि वे सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की सघन जांच करें। दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना से सीधे आने वाले या उधर से गुजरने वालों की कड़ी स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिए गए है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को भेजे पत्र में कहा है कि ऐसे लोग कहां आ-जा रहे हैं, इस पर नजर रखी जाए। मध्यप्रदेश में भी सतर्कता बरती जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस मामले पर बैठक भी बुलाई है।
दक्षिण अफ्रीका से लेकर हांगकांग तक सामने आए माना जा रहा है कि अफ्रीकी देश बोत्सवाना में सबसे पहले इस वेरिएंट के मामले सामने आए थे। अभी इस वेरिएंट के बारे बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। यह संक्रमण फैलाने वाला है या नहीं या इम्यूनिटी को मात दे सकता है या नहीं। इसके ज्यादा तथ्यों को खोजा जा रहा है।
कई असामयिक निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट B-1.1.529 ने दुनिया की नींद उड़ा दी। अफ्रीका में मिले इस वेरिएंट के 50 से ज्यादा म्यूटेशन मिल चुके हैं। अकेले बोत्सवाना में इसके 32 म्यूटेशन मिले हैं जिससे वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई।
इस नए वेरिएंट के अभी तक दुनिया में 100 से ज्यादा मरीज मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा दक्षिण अफ्रीका में सामने आए हैं। इसके अलावा, बोत्सवाना में करीब 10, हांगकांग में दो, जबकि इजरायल में एक मरीज मिला है। हड़कंप इसलिए मचा है क्योंकि इसके बहुत तेजी से फैलने की आशंका जताई जा रही है। दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट का रुख देखा गया है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत भी घट गई हैं।
अमेरिका, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, हॉन्गकॉन्ग, कोरिया, न्यूजीलैंड समेत तमाम शेयर बाजारों में भगदड़ दिखी। भारत में भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सुबह 13.30 बजे के आसपास सेंसेक्स 1,300 पॉइंट्स से अधिक टूट गया था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी में भी 372 पॉइंट्स की गिरावट देखी गई थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि वे दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए स्वरूप बी-1.1.529 पर नजर रखे हैं। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक यह स्वरूप सबसे अधिक बदलाव की वजह से उत्पन्न हुआ। सबसे पहले इसकी पहचान इस हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में की गई थी और पहले ही बोत्सवाना सहित कई पड़ोसी देशों में फैल चुका है। वायरस का यह स्वरूप पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों में मिला है।
वायरस के नए स्वरूपों की संख्या बढ़ सकती है, जो टीका के प्रति अधिक प्रतिरोधी हो सकते हैं। इसके प्रसार की दर और अधिक हो सकती है और कोविड-19 के गंभीर लक्षण वाले मामलों में वृद्धि हो सकती है। इस वेरिएंट के बारे में अभी तक ज्यादा जानकारी नहीं है। वायरस के इस स्वरूप में अनुवांशिक रूप से अधिक बदलाव हुए हैं।
अनुसंधानकर्ता यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि नया वेरिएंट क्यों पनपा और इसका इलाज क्या है! इसे स्पाइक प्रोटीन कहा जा रहा है।
डब्ल्यूएचओ वायरस के विकास क्रम पर गठित तकनीकी सलाहकार समूह अपने दक्षिण अफ्रीकी सहयोगियों के साथ इस बारे में चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा के लिए विशेष बैठक बुलाई जा रही है। हम वैज्ञानिकों को साथ लाएंगे और चर्चा करेंगे कि इसके मायने क्या हैं और यह भी इनका समाधान तलाशने के लिए समय सीमा क्या हो सकती है।
अब तक इस वेरिएंट से संक्रमण के 10 मामले सामने आए हैं। ये मामले बोत्सवाना, दक्षिण अफ्रीका और हांगकांग में निकले हैं। दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की कि नया वेरिएंट देश में तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के साथ ही अपना रूप बदलता रहता है और इसके नए स्वरूप सामने आते हैं।
इनमे कुछ काफी घातक होते हैं। लेकिन कई बार वे खुद ही खत्म भी हो जाते हैं। वैज्ञानिक उन संभावित स्वरूपों पर नजर रखते हैं, जो अधिक संक्रामक या घातक हो सकते हैं। वैज्ञानिक यह भी पता लगाने की कोशिश करते हैं कि क्या नया स्वरूप जन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है या नहीं।
ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की कि उसने शुक्रवार दोपहर 12 बजे से दक्षिण अफ्रीका और पांच अन्य दक्षिण अफ्रीकी देशों से उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जो भी हाल में उन देशों से आया है, उसे कोविड-19 संबंधी जांच करा लेनी चाहिए। दक्षिण अफ्रीका की आबादी करीब 6 करोड़ है और यहां कोविड-19 के 29 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। वहीं, संक्रमण से 89,000 से अधिक लोगों की मौत हुई।
कोरोना के प्रकोप से राहत मिलने पर जिंदगी पटरी पर लौट रही थी, लेकिन फिर एक बड़े खतरे की आहट सुनाई देने लगी। रूप बदल-बदलकर दुनिया में कई बार तबाही ला चुके इस वायरस ने एक बार फिर अपने चेहरा बदला है। इसे चिकित्सा वैज्ञानिक बेहद घातक मान रहे हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैले दो साल होने वाले हैं। तब भी इसके म्यूटेशन पर रोक नहीं लग पाई। दुनियाभर के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। इस बीच ‘बोत्सवाना वेरिएंट’ से वैज्ञानिक काफी शंकित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी नए वेरिएंट के खतरे की आशंका के मद्देनजर चौकन्ना हो गया।
इस नए वेरिएंट को ‘बोत्सवाना वेरिएंट’ कहा जा रहा है। यह अफ्रीकी देश बोत्सवाना में सबसे पहले सामने आया। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान ‘नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (NIDC) ने पुष्टि की कि दक्षिण अफ्रीका में बी-1.1.529 का पता चला है।
अब तक का अनुमान है कि नया वेरिएंट एक मरीज से ही निकला है। लंदन स्थित यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर फ्रैक्वा बेलॉस (Francois Balloux) का मानना है कि यह वेरिएंट किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज से पैदा हुआ है। मरीज शायद एचआईवी/एड्स से पीड़ित होगा।
दुनियाभर के विशेषज्ञ इस वेरिएंट को बड़ा खतरा मान रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, बी-1.1.529 वेरिएंट से काफी तेज रफ्तार से संक्रमण फैलाने की आशंका है। लंदन स्थित इंपीरियल कॉलेज के वायरस एक्सपर्ट डॉ टॉम पीकॉक ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने ट्विटर अकाउंट पर वायरस के नए वेरिएंट की जानकारी दी थी।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में प्रमुख डेल्टा स्ट्रेन सहित अन्य किसी भी वेरिएंट के मुकाबले यह बदतर होने की क्षमता रखता है। उसके बाद से वैज्ञानिकों की नजर इस वेरिएंट पर है।
Also Read: डेल्टा का अंकल है बोत्सवाना…भैया टीका के दोनों डोज जल्दी लगाना और भीड़भाड़ से बचकर अपना फर्ज निभाना…
हांगकांग में मिले नए वेरिएंट के दोनों मरीजों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई थी। वे अफ्रीका से लौटे थे। उन्हें अलग-अलग कमरों में रखा गया। उनके नमूनों की जांच में वायरस की बहुत अधिक मात्रा पाई गई।
डॉक्टरों को लगता है कि नया वेरिएंट हवा से फैल रहा है। यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसके खतरे पर विचार करने के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई है।
अफ्रीकी देशों की फ्लाइट रोकने का सिलसिला शुरू हो गया है। इजरायल ने सात अफ्रीकी देशों से आने-जाने पर पाबंदियां लगा दी हैं। इजरायल सरकार ने द. अफ्रीका, लेसेथो, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, मोजांबिक, नामीबिया और एस्वातिनी जैसे देशों को रेड लिस्ट में डाल दिया है। वहीं, यूके ने 6 अफ्रीकी देशों से आवाजाही पर रोक लगा दी है। वहां की सरकार ने इन देशों की सभी फ्लाइट रोक दी है। वहीं, सिंगापुर ने भी अफ्रीकी देशों की फ्लाइट रोक दी है।