Breaking News: राजधानी के साथ प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर, मरीजों को न समय पर उपचार मिल रहा और न इमरजेंसी में डॉक्टर

भोपाल के मामले में मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान - हालातों पर 15 दिन में मांगा जवाब

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Breaking News: राजधानी के साथ प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर, मरीजों को न समय पर उपचार मिल रहा और न इमरजेंसी में डॉक्टर

वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

भोपाल। यूं तो प्रदेशभर में शासन की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा रही है। महानगरों जिला मुख्यालय के साथ राजधानी भोपाल के के भी बुरे हाल हैं।

बीते बुधवार को सुबह स्थानीय पत्रकार भोपाल के वार्ड नम्बर एक स्थित गांधी नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और संत हिरदाराम नगर सिविल हॉस्पिटल पहुंचे तो चकित रह गए।

स्वास्थ्य केन्द्र और हॉस्पिटल में सिर्फ सफाईकर्मी और मरीजों की उपस्थिति मिली। एक भी चिकित्सक नहीं मिला। यही नहीं इमरजेंसी वार्ड में भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। मरीज बैठे इंतजार करते मिले।

चर्चा में बुजुर्गों, महिलाओं और मरीजों ने बताया कि रोजाना के यही हाल हैं। जागरूक लोगों ने आक्रोश भी जताया और कहा कि लगता है स्वास्थ्य सेवाएं ही वेंटिलेटर पर हैं?

ऐसे में कम्पाउंडर इलाज कर रहे या मरीजों की प्रायवेट हॉस्पिटल में मजबूरन जाना पड़ रहा है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी और माननीय सदस्यों ने मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए भोपाल जिला चिकित्सा अधिकारी (CMHO) से 15 दिनों में जवाब तलब किया है। निर्देश दिया है कि चिकित्सकों और स्वास्थ्य अमले की उपस्थिति, चिकित्सा सुविधाओं और सेवाओं की जानकारी के साथ जांच कर अवगत करें।