Bribery Facility in EMI : रिश्वत देने को पैसा नहीं, तो दिल्ली पुलिस के पास EMI की भी सुविधा, अभी डाउनपेमेंट जरूरी!

सीबीआई ने अभी ऐसे कई मामले पकड़े जिनमें EMI में रिश्वत लेने का खुलासा हुआ!

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Bribery Facility in EMI : रिश्वत देने को पैसा नहीं, तो दिल्ली पुलिस के पास EMI की भी सुविधा, अभी डाउनपेमेंट जरूरी!

New Delhi : राजधानी में दो साल में पुलिस भ्रष्टाचार की घटनाएं ज्यादा ही बढ़ रही है। सीबीआई की छापेमारी में पता चला कि दिल्ली पुलिस रिश्वत के पैसे का कुछ हिस्से का डाउन पेमेंट लेने के बाद बाकी का पैसा ईएमआई से भी ले रही है। यह सिर्फ कयास नहीं, बल्कि ऐसे कुछ मामले जांच एजेंसियों के पकड़ में भी आए जिनमें पहले डाउन पेमेंट लिया गया और बाकी राशि किश्तों में लेना तय हुआ!

पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज थाने में सीबीआई के हाल के छापे में, दो हेड कांस्टेबल 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए। सीबीआई के अनुसार, आरोपियों ने एक महिला व्यापारी से चोरी के फोन बेचने का आरोप लगाकर 50 हजार रुपये मांगे गए थे। बातचीत के बाद, वे 11 हजार रुपये ‘डाउन पेमेंट’ के रूप में और बाकी राशि मासिक किश्तों (EMI) के रूप में देने को बोला गया।

 

रंगे हाथ पकड़ाया पुलिस वाला

21 जून को भी सीबीआई ने एक पुलिस स्टेशन पर रेड मारी थी। सीबीआई की छापेमारी में एक पुलिसकर्मी द्वारा किश्तों में रिश्वत लेते हुए पकड़ाया। आरोपी सब-इंस्पेक्टर ने एक शिकायतकर्ता से 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। लेकिन, अंत में इसे घटाकर 2 लाख रुपए कर दिया। आरोपी पुलिस ने शिकायतकर्ता को गिरफ्तार करने की धमकी दी थी। उसने कहा कि उसे केस में अगर गिरफ्तार नहीं होना है, तो किश्तों में 2 लाख रिश्वत दे। सीबीआई ने जाल बिछाया और शिकायतकर्ता से 1 लाख रुपए की पहली किश्त लेते समय पुलिसकर्मी को गिरफ्तार कर लिया था।

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25 लाख रिश्वत में 20% डाउन पेमेंट

एक मामले में, कुछ महीने पहले एक पुलिसकर्मी ने एक मामले में एक पक्ष के शिकायतकर्ता से 25 लाख की रिश्वत मांगी थी। आरोपी सब-इंस्पेक्टर ने 5 लाख रुपए डाउन पेमेंट और बाकी के पैसों को ईएमआई में देने का आयडिया दिया। हालांकि दूसरे पक्ष ने सीबीआई से संपर्क किया तो, पुलिसकर्मी को 4.5 लाख रुपए की EMI लेते पकड़ा गया।

सावधानी बरतने लगे पुलिस वाले

जांच में यह भी बात सामने आई है कि जब रिश्वत के पैसों की लेन-देन की बाद होती है, तो पुलिस काफी चौकन्नी रहती है। उनको पता रहता है कि आजकल कभी भी किसी का वीडियो बनाया जा सकता है। संभव है कोई वायर या हिडेन कैमरा पहने हों और उनका भंडाफोड़ हो जाए। पुलिस वालों को सीबीआई से पकड़े जाने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए पैसों की लेनदेन की बात करने से पहले अपनी तसल्ली के लिए हालात को परख भी लेते हैं।

नॉर्थ दिल्ली के नारकोटिक्स सेल के पुलिसकर्मियों पर छापेमारी के दौरान शिकायतकर्ता की सुनने और रिकॉर्ड करने वाले डिवाइस की तलाशी लेने का मामला सामने आया है। सीबीआई ने बताया कि एक रिकॉर्डिंग डिवाइस के साथ एक व्यक्ति को पुलिसकर्मियों के पास भेजा। पुलिसकर्मियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए उसकी तलाशी ली, कि वह वायर्ड तो नहीं है! लेकिन, वे इसे पकड़ नहीं पाए। उन्हें शक हुआ और उन्होंने शिकायतकर्ता का अपहरण कर लिया। उसे कुछ घंटों तक शहर में घुमाया गया और फिर धमकाकर छोड़ दिया।