“नीचे बादल ऊपर पुल”-चिनाब नदी के ऊपर सबसे ऊंचा पुल
नई दिल्ली।चिनाब नदी सिंधु नदी की विशालतम सहायक नदी है जो हिमाचल प्रदेश में चन्द्रभाग कहलाती है। यह नदी लाहुल में बड़ालाचा ला दर्रे के दोनों ओर से चन्द्र और भागा नामक दो नदियों के रूप में निकलती है। जो दोनो केलांग के निकट तंडी में मिलती है।चिनाब की सहायक नदियाँ झेलम, रावी आदि है।चिनाब और झेलम नदी के बीच का क्षेत्र चाज दोआब कहलाता है।
बर्फ से ढंकी चोटियों और हरी-भरी वादियों वाले कश्मीर में रेल नेटवर्क के विस्तार के लिए चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल बनाया है। रेलवे ने इस पुल की कुछ शानदार तस्वीरें शेयर की हैं। ये तस्वीरें जन्नत का एहसास दिलाती हैं। इन तस्वीरों में पुल के नीचे बादल है।
दिखने में ये किसी अजूबे से कम नहीं लग रहा है।
जिसने भी इस तस्वीर को देखा वो रोमांचित हो गया और बार-बार इस दिलकश तस्वीरों को देखा जा रहा है। इन तस्वीरों को देखने के बाद आप भी यही कहेंगे ये तो स्वर्ग से कम नहीं है। तो आइए, जानते हैं इसके बारे में कुछ दिलचस्प बातें…
चिनाब नदी पर पुल बनाना काफी चुनौती भरा काम था। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में तकरीबन 18 साल लगे हैं। काम अब अंतिम चरण में है। दिखने में नजारा बेहद ही खूबसूरत है। क्योंकि, नीचे बादल और ऊपर पुल लोगों को काफी रोमांचित कर रहा है। 111 किलोमीटर की नई रेलवे लाइन डालने के लिए पहले रेलवे ने 205 किलोमीटर की अप्रोच सड़क तैयार की। इस क्षेत्र में पहुंचने के लिए 26 किलोमीटर की लाइन डाली गई है। कई ब्रिज और टनल बनाने पड़े हैं। इसके बाद ही चिनाब ब्रिज का काम शुरू हो चुका था।
अद्भुत नजारा
इस पुल ने कौड़ी और वक्कल को आपस में जोड़ दिया है। इसकी ऊंचाई नदी के तल से 359 मीटर है। अगर कुतुब मीनार से इसकी तुलान की जाए तो यह उससे पांच गुना ज्यादा ऊंचा है। वहीं, फ्रांस के एफिल टावर से 35 मीटर ज्यादा ऊंचा है। कहा जा रहा है कि दिसंबर 2022 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा। इस पुल को बनाने में 1100 करोड़ से अधिक का खर्चा हो चुका है। हालांकि, इसकी लागत साढ़े 500 करोड़ रुपए आंकी गई थी। इस पुल को इतना मजबूत बनाया गया है जो 260 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा से भी प्रभावित नहीं होगा। तो आप इन तस्वीरों का लुत्फ उठाएं और इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है कमेंट कर बताएं।