Broke Dilapidated House : जर्जर मकानों के खिलाफ निगम की मुहिम, एक तोड़ा गया, लिस्ट में 164 मकान!
Indore : शहर में नगर निगम ने एक जर्जर भवन गिराया। यह कार्रवाई मच्छी बाजार में की गई। बताया गया करीब 70 से 80 साल पुराना यह भवन जीर्ण-क्षीर्ण अवस्था था। ऐसे में नगर निगम ने जेसीबी से इस भवन को गिरा दिया। निगम ने 164 खतरनाक मकानों की सूची तैयार की है, जिनकी हालत जर्जर है।
भवन के निचले हिस्से में दुकानों का संचालन होता था। ऊपरी मंजिल पर पांच परिवार रहते थे। पूर्व में भी यहां मकान का छज्जा गिरने की घटना सामने आ चुकी है। करीब 70 से 80 साल पुराना यह भवन जीर्ण-क्षीर्ण अवस्था थी। भवन को जमींदोज करने से पहले लोगों का सामान बाहर निकलवाया गया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के निर्देश पर शहर में नगर निगम द्वारा जर्जर हो चुके भवनों पर कार्रवाई की जा रही है। वर्षा को देखते हुए ऐसे मकानों को चिन्हित किया गया, जो जर्जर हो चुके हैं।
महापौर ने कहा कि जर्जर भवन घोषित होने के बाद भी वहां रहने वाले लोगों को यह समझना होगा कि वो अभी एक ख़तरनाक मकान में रह रहे हैं। इसलिए लगातार उनकी व्यवस्था करते हुए रहने वाले लोगों को चेतावनी देते हुए जितने भी जर्जर और अति जर्जर मकान है, वो हमने गिराए है, आने वाले समय में और जर्जर मकानों को हम गिराएंगे।
नगर निगम पहले भी शहर में जर्जर मकानों को तोड़ चुकी है। नगर निगम की टीम ने खतरनाक मकानों पर बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया था, कुल 164 खतरनाक मकानों की सूची तैयार की गई है, जिनकी हालत जर्जर है। इनमें 27 मकानों को अति खतरनाक घोषित किया गया था।
नगर निगम की टीम ने सदर बाजार थाना क्षेत्र के राधा नगर में 50 से 60 साल पुराने 4 जर्जर मकानों पर बुलडोजर चला दिया था। निगम की जनकार्य समिति के प्रभारी राजेंद्र राठौर का कहना है कि ज्यादातर अति खतरनाक मकानों को गिराया जा रहा है। हर साल हम नोटिस भी जारी करते हैं इस बार भी मकानों के खतरनाक हिस्से हटाए जाएंगे।
शहर में कई लोग पुराने इलाकों जर्जर मकानों में रहने को मजबूर हैं। ये मकान बारिश में खतरा बन सकते हैं। नगर निगम ने ऐसे 164 मकानों की सूची जारी की, जो जर्जर हालत में है और इन्हें गिराना जरूरी है। फिर भी लोग जान की परवाह किए बिना इन घरों में रह रहे हैं। शहर में सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति वाले जर्जर मकान पाटनीपुरा, नंदलालपुरा, कोयला बाखल, जवाहर मार्ग और सराफा इलाके में है।
यहां रहने वाले किराएदार दस-पंद्रह रुपए महीने किराये की लालच में अपनी जान दांव पर लगा रहे हैं। कई मकानों के मामले कोर्ट में पेंडिंग हैं, जिन्हें नगर निगम भी तोड़ने से बचता है। कई जगह मकान तोड़ने जाओ तो मकान मालिक ही विवाद करने लगते हैं। कई मकान मालिकों और किराएदारों को नगर निगम 5-5 साल से नोटिस दे रहा है, लेकिन लोग इन घरों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं!
मच्छी बाजार चौराहे पर जिस इमारत को तोड़ा गया उसे नगर निगम ने 5 साल पहले ही खतरनाक घोषित कर दिया था। इसकी छत का प्लास्टर गिर चुका था और सरिए दिखने लगे थे। इसके बाद भी इस बिल्डिंग में लोग रह रहे थे। इसके ग्राउंड फ्लोर पर 6 दुकानें भी संचालित हो रहीं थी। इस बिल्डिंग में 9 फ्लैट थे, जिनमें से 4 में लोग परिवार सहित रह रहे थे। बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर 6 दुकानें भी चल रहीं थी।
कई जगह खतरनाक मकान
हर साल मानसून के पहले खतरनाक मकानों को गिराने का काम नगर निगम करता है। लेकिन, राजनीतिक रसूख के चलते तो कई बार कोर्ट मामलों के चलते नगर निगम चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर पाता। सबसे ज्यादा खतरनाक मकान, नंदलालपुरा, जवाहर मार्ग से सटे कोयला बाखल, जवाहर मार्ग, सराफा और छावनी इलाके में हैं। आश्चर्य की बात तो ये है कि लोग भी खतरनाक मकानों में रहने से डरते भी नहीं हैं।