Budget Review : समावेशी विकसित भारत की परिकल्पना का बजट!

कृषकों, महिलाओं, युवाओं, अनुसूचित जाति व जनजाति के उत्थान के लिए कई प्रस्ताव

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Budget Review : समावेशी विकसित भारत की परिकल्पना का बजट!

बजट विशेषज्ञ डॉ मनोहर दास सोमानी की समीक्षा

मोदी सरकार के द्वितीय कार्यकाल का अंतिम बजट आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज भारत की उपलब्धियों एवं कामयाबियों की पूरी दुनिया में सराहना हो रही है। देश के समावेशी एवं आधारभूत अधोसंरचना के साथ ही बजट में कृषि विकास, महिलाओं के उत्थान, युवाओं को रोजगार के अवसर देने के साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति के विकास के लिए विशेष प्रावधान किए गए है। बजट प्रस्तुत करते हुए वित्तमंत्री ने बताया कि गत वर्षों मे न भारत की प्रति व्यक्ति आय दो गुना से अधिक बढ़ी है, जो वर्तमान में 1.97 लाख हो गई है व भारत की अर्थव्यवस्था का आकार विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रुप में उभरा है। गत वर्ष के बजट का फोकस आत्मनिर्भर भारत पर था, जिसे निरन्तर रखा जा रहा है।

कृषि विकास
कृषि के लिए डिजिटल लोक आधारभूत संरचना का निर्माण, कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप खोलने हेतु युवाओं को प्रोतसाहित करने के लिए कृषि वर्धक निधि स्थापित करना, आधुनिक तकनीक से कृषि पद्धतियों को अपनाने हेतु नवीन प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। आत्मनिर्भर बागवानी स्वच्छ पौध कार्यक्रम के लिए 2200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। कृषि ऋण के लक्ष्य को पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन पर केंद्रित कर इस हेतु 20 लाख करोड़ का आबंटन किया है। कृषि उत्पाद के भंडारण के लिए व्यापक योजना कार्यान्वित करने का लक्ष्य रखा है। 6000 करोड़ के निवेश के साथ प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की एक नवीन उपयोजना शुरु कर मछुआरों को अधिक सक्ष्म बनाने के साथ इस बाजार के विस्तार की योजना लागू करना है।

 

प्राकृतिक खेती बायो इनपुट संसाधन केंद्र
आगामी तीन वर्षों में 1 करोड़ कृषकों को प्राकृतिक तरीकों से खेती करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर वितरित सूक्ष्म ऊर्वरक और कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क बनाए जाकर 10,000 बायो इनपुट रिसोर्स स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। कृषि क्षेत्र में इन योजनाओं से कृषि उत्पादन बढ़ने के साथ ही देश के कृषकों की आमदनी में वृद्धि के साथ ही उनके जीवन स्तर में भी सुधार का सराहनीय कदम है।


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महिलाओं के उत्थान के विशेष प्रयास
महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए महिला सम्मान बचत पत्र नाम से एक नवीन लघु बचत योजना का प्रारंभ किया जाएगा, जिसमें महिला एवं बालिकाओं 2 लाख तक जमा कर सकें, जिस पर 7.5 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा व जमा अवधि के मध्य में जरूरत होने पर आंशिक रुप से राशि निकालने का प्रावधान होगा। निश्चित ही यह योजना महिलाओं के आर्थिक सुदृढ़ीकरण को बढावा देकर पूंजी निर्माण को भी गति देगी।

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना
वर्तमान में चल रही वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की सीमा 15 लाख को बढ़ाकर 30 लाख करने का प्रस्ताव। मासिक आय खाता योजना की अधिकतम जमा सीमा को भी दोगुना करने का एलान कर, वरिष्ठ नागरिकों की आय व आर्थिक सुरक्षा के लिए सरकार की एक अच्छी पहल स्वागत योग्य है।

युवाओं के लिए विशेष प्रावधान
भारत युवाओं का देश है व भारत का भविष्य युवाओं पर टिका है। युवाओं के विकास, आधुनिकता और आधुनिक शिक्षा व नवीन शिक्षा नीति को केन्द्रित करते हुए स्टार्टअप योजना को तीन वर्ष की कर मुक्ति को एक वर्ष के लिए वृद्धि कर चार वर्ष किया जा रहा है। युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 शुरू की जाएगी।उधोगों की आवश्यकता के अनुकूल पाठ्यक्रमों को बनाए जाने के लिए विशेष योजना शुरू होगी, ताकि औधोगिक आवश्यकता के अनुसार मानव संसाधन उपलब्ध हो सके। युवाओं को सशक्त करने के लिए कौशल आधारित राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई है, ताकि युवा शक्ति रोजगार मांगने के स्थान पर रोजगार सृजन का कार्य करें।

शिक्षा क्षेत्र के लिए अधिक राशि
सन् 2020 में नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक में आमूलचल परिवर्तन करने की पहल की गई है, शिक्षा को कौशल आधारित बनाने हेतु कौशल विकास के विषयों को शामिल किया गया है। शिक्षा के लिए विगत तीन वर्षों में लगातार अधिक राशि का आंबटन किया गया है विगत वर्ष 2022 में 104278 लाख करोड़ की तुलना में इस वर्ष 112899 लाख करोड़ का प्रावधान कर शिक्षा नीति के अनुकूल विस्तार करने का प्रयास। 38000 स्कूली शिक्षकों की भर्ती की जाना, इसके अतिरिक्त वर्ष 2014 में स्थापित मौजूदा 157 चिकित्सा महाविद्यालयों के साथ ही 157 नवीन नर्सिंग कालेजों की स्थापना, चिकित्सा अनुसंधान के लिए प्रयोगशालाओं की सुविधाओं में वृद्धि आदि की व्यवस्था भी की गई है।

‘एमएसएमई’ औधोगिक इकाइयों के लिए ऋण गारंटी
सूक्ष्म, लघु, मध्यम औधोगिक इकाईयों (एमएसएमई) के लिए ऋण गारंटी योजना को नवीकृत करने हेतु विगत बजट मे घोषणा की गई थी, इस हेतु काँर्पस में 9000 जोड़कर 1अप्रेल 2023 से शुरू किया जा रहा है, साथ ही 2 लाख करोड़ का संपार्श्विक मुक्त गांरटी युक्त ऋण की व्यवस्था की गई है।इससे देश में सूक्ष्म व लघु औद्योगिक इकाइयों को आर्थिक संबल मिलेगा व औधोगिक उत्पादन मे वृद्धि के साथ ही रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।


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वेतनभोगी करदाताओं को आयकर में राहत
वित्त मंत्री ने बजट में 2023-24 में 7 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं देने का प्रावधान कर आयकर की दरों का युक्तियुक्तकरण किया है। इससे केवल लघु आय कमाने वाले करदाताओं व निम्न वेतन समूह के करदाताओं को लाभ मिलेगा, लेकिन मध्यम श्रेणी के आयकर दाताओं व वेतन भोगी कर्मचारियों को कोई विशेष राहत नहीं मिल रही है। इन करदाताओं को आयकर की धारा 80सी, स्टैण्डर्ड डिडक्शन, मकान ऋण के ब्याज आदि में मिलने वाली छूट में वृद्धि की उम्मीद थी, किंतु हमेशा की तरह इस वर्ष भी इन्हें निराश ही होना है।

बजट की वित्त मंत्री ने सात प्राथमिकताएँ बताते हुए उन्हें एक दूसरे का सम्पूर्ण करते हुए सप्तऋषि की भांति कहा है जिसमें समावेशी विकास, अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना, अवसंरचना और निवेश, क्षमता उभारना, हरित विकास, युवा शक्ति, वित्तीय क्षेत्र है।

निश्चित ही इन सात प्राथमिकताओं से मोदी जी की परिकल्पना सबका साथ सबका विकास के साथ समाज के सभी वर्गों के साथ ही भारत के उत्तर से दक्षिण व पूर्व से पश्चिम तक के सभी राज्यों का भी समावेशी आर्थिक विकास की एक नई पहल का सपना साकार होने का प्रयास वित्त मंत्री ने अपने बजट मे करने का प्रयास किया है, लेकिन वास्तविक धरातल पर यह व्यावहारिक रुप से कितना साकार होगा, इसके लिए आने वाले समय का इंतजार करना होगा।