
सौगातों के लिए बुंदेलखंड का मोहन सरकार को आभार…पर विकसित बनने को चाहिए अभी बहुत सारा प्यार…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
पिछले दो दिन खजुराहो से चली मोहन सरकार ने बुंदेलखंड को बहुत बड़ी सौगातें दी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 9 दिसंबर 2025 को खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार, सड़कों के निर्माण सहित नौरादेही अभयारण्य में चीता रहवास के लिए विकास कार्यों की मंजूरी जैसे कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए। बैठक में छतरपुर और दमोह के मेडिकल कॉलेजों में पदों की मंजूरी के साथ ही शासकीय अस्पतालों के उन्नयन और नए पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई। इससे बुंदेलखंड के विकास को गति मिलेगी। और बुंदेलखंड इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभारी रहेगा। लेकिन वास्तव में देखा जाए तो मध्य प्रदेश का सबसे कम विकसित क्षेत्र बुंदेलखंड ही है। और बुंदेलखंड हो विकसित बनने के लिए वास्तव में हजारों कोसों की दूरी तय करना है। और इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को बुंदेलखंड को वास्तव में कुपोषित मानकर सुपोषित करने का हर प्रयास करना पड़ेगा।
मंत्रिपरिषद ने बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से सागर औद्योगिक क्षेत्र के लिए विशेष औद्योगिक प्रोत्साहन पैकेज ‘मसवासी अनुदान’ को मंजूरी दी। इस पैकेज की मदद से निवेशक-अनुकूल वातावरण तैयार होगा, जिससे यहाँ 24,240 करोड़ रुपये के निवेश के रास्ते खुलेंगे। इस प्रयास से 29 हजार से अधिक व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा और आर्थिक उत्थान का नया मार्ग खुलेगा।
मंत्रिपरिषद ने हाईब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) के अंतर्गत सागर-दमोह मार्ग, लंबाई 76.680 किलोमीटर के फोर-लेन पेव्ड शोल्डर सहित उन्नयन एवं निर्माण के लिए 2,059 करोड़ 85 लाख रुपये की परियोजना वित्तीय लागत को मंजूरी दी। इसके अलावा, भूमि अधिग्रहण और अन्य कार्यों के लिए 323 करोड़ 41 लाख रुपये का भुगतान भी राज्य बजट से किया जाएगा। परियोजना के तहत 13 अंडरपास, 3 बड़े पुल, 9 मध्यम पुल, एक आरओबी, 13 बड़े जंक्शन और 42 मध्यम जंक्शन का निर्माण किया जाएगा। 76 किलोमीटर की यह फोरलेन सड़क सागर-दमोह के बीच सुगम परिवहन की वाहक बनेगी।
मंत्रिपरिषद ने दमोह, छतरपुर और बुधनी में नए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन के लिए 990 नियमित और 615 आउटसोर्स पदों को मंजूरी दी है। अनुमोदन के अनुसार, प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय में 330 नियमित पदों के सृजन और 205 व्यक्तियों को आउटसोर्स पर नियुक्त करने की स्वीकृति दी गई। इससे दमोह और छतरपुर मेडिकल कालेज स्वास्थ्य के क्षेत्र में अलग पहचान बना सकेंगे।
मंत्रिपरिषद ने सागर स्थित वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व को नौरादेही में चीतों के तीसरे आवास के रूप में विकसित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। पहला चीता निवास सितंबर 2022 में कूनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर में और दूसरा अप्रैल 2025 में गांधी सागर अभयारण्य मंदसौर में शुरू किया गया है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर में 28 और गांधी सागर अभयारण्य मंदसौर में 2 चीतों का निवास है। इसके अतिरिक्त, जनवरी 2026 में बोत्सवाना से 8 चीतों के कूनो में आने की उम्मीद है।
मंत्रिपरिषद ने दमोह जिले की तेंदूखेड़ा तहसील की जपन नाला मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 165 करोड़ 6 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। परियोजना से तेंदूखेड़ा तहसील के 17 गाँवों के कुल 3600 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। इसके अलावा पन्ना और सागर जिले के बीना में
स्वास्थ्य केंद्रों के उन्नयन का प्रस्ताव मंजूर किया गया।
तो राजनगर में एक करोड़ 26 लाख से अधिक लाड़ली बहनों को 1857 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की गई।मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की हितग्राहियों के खातों में सिंगल क्लिक से 31वीं किस्त ट्रांसफर की गई।मुख्यमंत्री ने राजनगर में 510 करोड़ लागत के 29 विकास कार्यों का भूमि-पूजन और लोकार्पण किया। वहीं बुंदेलखंड के गौरव महाराज छत्रसाल की प्रतिमा और सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का खजुराहो में अनावरण किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह भी सही कहा कि बुंदेलखंड हीरों और महावीरों की धरती है। यह मंदिरों की नगरी है। पर अभी विकसित बुंदेलखंड बनने के लिए सरकार को बहुत सारा प्यार इस क्षेत्र पर उड़ेलना पड़ेगा… खजुराहो में चली दो दिन सरकार के बाद बुंदेलखंड वासियों के मन में यह उम्मीद भी जग गई है…।
लेखक के बारे में –
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।





