Bungee Jump उम्र की सीमा तोड़ीं: 83 साल की British महिला ने ऋषिकेश में 117 मीटर बंजी जंप कर रचा इतिहास

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Bungee Jump उम्र की सीमा तोड़ीं: 83 साल की British महिला ने ऋषिकेश में 117 मीटर बंजी जंप कर रचा इतिहास

Rishikesh: उम्र महज एक आंकड़ा है- यह बात साबित कर दिखाई ब्रिटेन की 83 वर्षीय Olena Byko ने। उत्तराखंड के साहसिक केंद्र ऋषिकेश में 13 अक्टूबर को उन्होंने 117 मीटर की भयानक ऊंचाई से Bungee Jump कर इतिहास रच दिया। शिवपुरी बंजी साइट से की गई यह छलांग न सिर्फ इस प्लेटफॉर्म की अब तक की सबसे ऊंची जंप है, बल्कि दुनिया भर में साहस की मिसाल बन चुकी है। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, लाखों लोगों को प्रेरित कर रहा है।

*साहस की अनोखी कहानी: कैसे लिया फैसला?*

Bungee Jump: Olena Byko जो ब्रिटेन की रहने वाली हैं, लंबे समय से एडवेंचर स्पोर्ट्स की शौकीन रही हैं। लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर बंजी जंपिंग को लेकर वे संकोच में थीं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, “मैं हमेशा से बंजी जंपिंग का सपना देखती थी, लेकिन उम्र देखकर लगता था कि यह मेरे बस की नहीं। ऋषिकेश आने पर जब मैंने इसकी जानकारी ली, तो मन में ठान लिया- अभी या कभी नहीं!”

13 अक्टूबर को सुबह के समय, पूरी तैयारी के साथ वे शिवपुरी साइट पर पहुंचीं। 117 मीटर ऊंचे ब्रिज से नीचे गंगा नदी की कलकल बहती धारा को देखकर भी उनका हौसला नहीं डगमगाया। हार्नेस बांधा गया, काउंटडाउन हुआ, और फिर- जंप! वीडियो में ओलेना का चेहरा उत्साह से चमकता दिखता है, जबकि नीचे खड़े लोग दंग रह जाते हैं। जंप के बाद वे बोलीं, “यह अनुभव जीवन का सबसे यादगार पल था। डर था, लेकिन जीतने का जज्बा ज्यादा!”

*वायरल वीडियो और दुनिया भर की तारीफ*

यह वीडियो इंस्टाग्राम पर @globesomeindia द्वारा शेयर किया गया, जो महज कुछ दिनों में लाखों व्यूज पार कर गया। कमेंट्स की बाढ़ आ गई- लोग उन्हें ‘Superhero Grandma’ कह रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “83 की उम्र में यह जंप? आपने साबित कर दिया कि सपने कभी बूढ़े नहीं होते!” भारत में Adventure Tourism के जानकार इसे ‘प्रेरणा की छलांग’ बता रहे हैं।

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*ऋषिकेश के बंजी ऑपरेटर्स ने भी सराहना की*

साइट मैनेजर ने कहा- “ओलेना जैसी महिलाएं हमारी साइट को ग्लोबल बनाती हैं। हमने उनकी मेडिकल चेकअप सुनिश्चित की, और सब कुछ सेफ रहा।” यह जंप Jumpin Heights द्वारा आयोजित की गई, जो भारत की सबसे ऊंची बंजी साइट्स में शुमार है।

*प्रेरणा: उम्र कोई बाधा नहीं*

ओलेना की यह उपलब्धि साबित करती है कि साहस और जुनून से कोई लक्ष्य असंभव नहीं। वे कहती हैं, “युवाओं को सलाह दूंगी—डर को जीतो, जीवन जियो।” विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी कहानियां बुजुर्गों को फिटनेस और एडवेंचर के लिए प्रोत्साहित करेंगी। ऋषिकेश, जो योग और एडवेंचर का हब है, अब ओलेना की यादों से और समृद्ध हो गया।

उनकी जंप न सिर्फ व्यक्तिगत जीत है, बल्कि दुनिया को संदेश देती है- उम्र सिर्फ संख्या है, हौसला ही असली ताकत!