Businessmen Against New Tax : सरकार के नए टैक्स से कारोबारियों में रोष
Ratlam । राज्य सरकार द्वारा हाल ही में व्यापारियों से एक नए टैक्स को लेकर किए गए आदेश से व्यापारियों में रोष है और वे इसके विरोध में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
बताया गया है कि अब दुकानदारों को व्यापार करने के लिए सड़क की चौड़ाई के आधार पर टैक्स अदा करना होगा।यह टैक्स नगर निगम,नगर पालिका और नगर परिषद के क्षेत्रों में अलग-अलग मापदण्ड के आधार पर प्रति वर्ग फीट से चुकाना होगा।ऐसे में व्यापारी इसके विरोध में उतरे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस संदर्भ में लगातार विरोध का दौर चल पड़ा हैं।
दि चैंबर ऑफ कॉमर्स का भी विरोध
इस संदर्भ में दि चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा ट्रेड लायसेन्स शुल्क की बढ़ोतरी किये जाने का पुरजोर विरोध किया हैं।
इस संदर्भ में कहना है कि व्यापारी पहले से ही अपने व्यापार में इतने टैक्स देता है जो कि लगभग 52% होता हैं फिर क्यों व्यापारी को परेशान किया जा रहा हैं।जबकि,जब GST लाया गया तब सरकार द्वारा घोषित किया गया था की सभी tax इसमें समाहित रहेंगे अलग से किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा यहां तक कि आगे जाकर इनकम टैक्स भी हटा दिया जाना प्रस्तावित था। अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा के इस युग में द चेंबर ऑफ कॉमर्स रतलाम सरकार से अनुरोध करता हैं कि अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर इसे समाप्त करने का निर्णय लेवे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार व्यापारियों को अभी तक व्यवसाय करने के लिए व्यवसायिक लायसेंस बनवाना पढ़ता था।जिसकी फीस 500 सौ रूपए निर्धारित थी।अब राज्य सरकार के नोटिफिकेशन में सड़क की चौड़ाई के अनुसार वर्ग फीट में टैक्स चुकाना होगा और यह राशि 50 हजार रूपए तक होगी जो नगर निगम नगर पालिका और नगर परिषद में अलग-अलग निर्धारित होगी।
नोटिफिकेशन में कमर्शियल वाहनों पर भी टैक्स लगाने की बात है।जो अलग-अलग वाहनों के आधार पर टैक्स देना होगा। प्रदेश सरकार के इस फैसले पर व्यापारियों में रोष हैं।
मध्यप्रदेश सराफा संघर्ष समिति के मंत्री और जिलाध्यक्ष कांग्रेस उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ विशाल डांगी का कहना है कि व्यापारी वर्ग सरकार को अधिक से अधिक टैक्स अदा करता है और ऐसे में अब इस लायसेंस के नाम पर टैक्स को लादकर सरकार क्या चाहती हैं? यह टैक्स जबरिया कर है। सरकार को व्यापारी ही नजर क्यों आते हैं। समस्त व्यापारी वर्ग इसका विरोध कर रहे हैं। सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती हैं तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।ऑनलाइन व्यापार और बड़े बड़े ब्रांड ने आकर व्यापारियों की कमर तोड़ दी हैं।हम सरकार को हर तरह का कर अदा करते आ रहे हैं।अब रही सही कसर राज्य सरकार के फैसले ने पूरी कर दी हैं। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।