![IMG-20240608-WA0022](https://mediawala.in/wp-content/uploads/2024/06/IMG-20240608-WA0022.jpg)
MP में 2 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उप चुनाव तय, 2 क्षेत्रों को लेकर संशय!
दिनेश निगम ‘त्यागी’ की विशेष रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव निबटने के बाद विधानसभा की दो सीटें खाली हैं। इनके लिए उप चुनाव तय है, जबकि दो विधानसभा सीटों में उप चुनाव को लेकर संशय की स्थिति है। इन क्षेत्रों के कांग्रेस विधायक भाजपा में शमिल हो गए हैं लेकिन विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। वे इस्तीफा देंगे भी या नहीं, इसे लेकर संशय बरकरार है। जिन दो विधानसभा सीटों के लिए उप चुनाव होगा, वे सीटें बुदनी और अमरवाड़ा हैं। शिवराज सिंह चौहान के विदिशा से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद बुदनी खाली हुई है जबकि छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने भाजपा ज्वाइन करने के साथ विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। अमरवाड़ा में एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के कौशल की परीक्षा होगी जबिक बुदनी में लोगों की नजर शिवराज सिंह के उत्तराधिकारी पर है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद राज्य सभा की एक सीट भी खाली हो रही है। कांग्रेस के 4 विधायक भी लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे लेकिन सभी हार गए, वर्ना कुछ और सीटों के लिए उप चुनाव कराना पड़ जाते।
*0 राम निवास, निर्मला इस्तीफा देने के मूड में नहीं*
– कांग्रेस के दो विधायक श्योपुर जिले की विजयपुर सीट के राम निवास रावत और सागर जिले की बीना सीट की निर्मला सप्रे ने कांग्रेस छोड़ दी है लेकिन विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के मूड में नहीं हैं। इन्हें इस्तीफा देना होता तो अमरवाड़ा के कमलेश शाह जैसी नैतिकता दिखाते। उन्होंने ऐसा नहीं किया। इससे उनकी मंशा का पता चलता है। सूत्रों का कहना है कि रामनिवास रावत राज्य मंत्रिमंडल में जगह का आश्वासन लेकर भाजपा में शामिल हुए हैं। इसलिए वे मंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही इस्तीफा देंगे, वर्ना नहीं। विधानसभा अध्यक्ष उनके मामले को लटकाए रख सकते हैं। यही स्थिति बीना की निर्मला सप्रे की है। उन्हें मंत्री बनाने का आश्वासन मिला, ऐसी कोई खबर नहीं है। अब तक के उनके रुख से साफ है कि वे भी इस्तीफा देना नहीं चाहतीं। रावत और सप्रे के कारण ही इनके विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव को लेकर असमंजस है। उप चुनाव तभी होंगे, जब विधानसभा सीटें खाली होंगी। हालांकि कांग्रेस ने विधानसभा सचिवालय को सूचित कर दिया है कि ये दोनों विधायक कांग्रेस के साथ नहीं बैठेंगे। इनकी अलग व्यवस्था की जाए।
*0 बुदनी से चुनाव लड़ने भाजपा के कई दावेदार*
– सीहोर जिले की बुदनी एकमात्र ऐसी विधानसभा सीट है, जो शिवराज सिंह चौहान के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद खाली हुई है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि बुदनी में शिवराज का उत्तराधिकारी कौन होगा? शिवराज अपने बेटे कार्तिकेय को ही चुनाव लड़ाना चाहेंगे लेकिन भाजपा नेतृत्व बेटे को टिकट देगा, इसकी संभावना कम है। शिवराज ने कहा है कि कार्तिकेय के बारे में निर्णय पार्टी नेतृत्व लेगा। बुदनी के अन्य दावेदारों में विदिशा के पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव, सलकनपुर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय, सीहोर जिला भाजपा अध्यक्ष रवि मालवीय, पूर्व जिलाध्यक्ष रघुनाथ भाटी, भेरूंदा नगर पालिका के अध्यक्ष शिशिर मारुति, वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष गुरु प्रसाद शर्मा और नीरज भाटी शामिल हैं। ये सभी शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह के नजदीक बताए जाते हैं। सिर्फ नीरज को नरेंद्र सिंह तोमर का संबंधी बताया जा रहा है। बुदनी से भाजपा की जीत तय मानी जा रही है, इसलिए सभी टिकट के लिए अभी से कोशिश में जुट गए हैं।
*0 कमलनाथ के पास अपनी साख वापसी का मौका*
– अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के खास रहे हैं। भाजपा ज्वाइन करने के बाद शाह ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। लिहाजा अमरवाड़ा विधानसभा सीट के लिए शीघ्र ही चुनाव होगा। कमलनाथ इस चुनाव में ताकत दिखाकर कांग्रेस की वापसी करा सकते हैं। यह काम इतना आसान नहीं हैं। लोकसभा चुनाव में उनके बेटे नुकलनाथ को अमरवाड़ा में भी पराजय का सामना करना पड़ा है। विधानसभा चुनाव 6 माह के अंदर होंगे। नकुलनाथ ने कहा है कि वे कहीं नहीं जाएंगे, छिंदवाड़ा में ही रहकर लोगों की सेवा करेंगे। पिता-पुत्र अर्थात कमलनाथ और नकुलनाथ को अपनी खोई साख वापस पाने के लिए अभी से प्रयास में जुट जाना चाहिए और अमरवाड़ा सीट कांग्रेस की झोली में डालने के लिए पूरी ताकत झोंकना चाहिए। हालांकि कमलेश शाह की क्षेत्र में इतनी मजबूत पैठ है कि ऐसा करना आसान नहीं है।
![dinesh NIGAM tyagi dinesh NIGAM tyagi](https://mediawala.in/wp-content/uploads/2021/09/dinesh-NIGAM-tyagi-120x120.jpg)