रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
रतलाम. शिवमहापुराण के तीसरे दिन सोमवार को पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ने कहा पहली रोटी गाय के लिए निकालें|
पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि माताएं एवं बहने घर मे परिवार के लिए भोजन बनाती है उस भोजन से पूर्व पहली रोटी प्रेमपूर्वक गौमाता के लिए अवश्य निकालनी चाहिए। गौमाता के बल का प्रताप यह है कि पहली रोटी निकालने वाली माता एवं बहनें और परिवार के सदस्य निरोगी रहते हैं।
उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किल से मानव देह प्राप्त होती है। यदि इस मानव देह को यूँ ही गवां देंगे तो जीवन का क्या महत्व। वैशाख का माह दान-पुण्य, धर्म-कर्म, जप करने का है, जिससे हम भगवान शिव से रोग मुक्ति का साधन और आरोग्य प्राप्त कर सकते हैं।
यही माह ऐसा है जिसमें हम प्रार्थना कर भगवान शिव को अपने द्वार पर पा सकते है। शिवमहापुराण भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती के समान विश्वास व श्रद्धा का मिलन है।
महाकाल राजा की पूजा अर्चना कर कथा का शुभारंभ किया….
कथा के शुभारंभ के पहले पंडित श्री मिश्रा ने भगवान महाकाल की पूजा की। इसके बाद श्री पंडित मिश्रा आयोजक यजमान कल्याणी रविन्द्र पाटीदार के परिवार ने व्यास पीठ पर पूजन-अर्चन किया।
मत कर बुरे कर्म पछताएगा…..
पंडित श्री मिश्रा ने कथा के दौरान सुमधुर भजनों की प्रस्तुति से समां बांध दिया। आपने …………मत बुरे कर्म कर बंदे वरना तू पछताएगा…., तेरे डमरू की धुन सुन के मैं काशी नगरी आई हूं…..भजन की प्रस्तुति पर पांडाल में मौजूद हर श्रद्धालु को झूमने के लिए मजबूर कर दिया।
शिव और पार्वती विश्वास और श्रद्धा का मिलन
शिवमहापुराण का महात्म्य सुनाते हुए पंडित मिश्रा ने बताया कि भगवान शिव और पार्वती विश्वास और श्रद्धा का मिलन है। शिव के प्रति आस्था में पूरी तरह डूब जाओ। भोलेनाथ आपकी परीक्षा भी लेते हैं और उत्तीर्ण भी वही कर देते हैं। विश्वास के बल पर ही हम भगवान की प्राप्ति कर सकते हैं जो कुछ भी है वह इस संसार में विश्वास और श्रद्धा ही है।
माता पिता के समान भगवान
पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि भगवान किसी का बुरा नहीं करते, क्योंकि भगवान माता पिता के समान है। माता-पिता जिस बेटे को जन्म देते हैं उसके बारे में कभी गलत नहीं सोचेंगे। चाहे बेटे को अगर वह भला बुरा कह देंगे, अपशब्द कह देंगे लेकिन रात को माता पिता ही दुलारेंगे। माता पिता की हमेशा बच्चों को इज्जत करना चाहिए।
जो ज्यादा गाली देता है उसे पत्थर खाने पड़ते हैं
पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि घर के सदस्य की मृत्यु होने पर उसके कपड़े बिस्तर तो सब कुछ घर के बाहर फेंक देते हैं लेकिन विडंबना देखिए श्मशान में स्वर्ण आभूषण शव से निकालकर प्रसन्नता पूर्वक घर ले आते हैं।
84 लाख योनियां हमें काटना पड़ती है जिसमें 20 लाख योनी विभिन्न प्रकार के फल फूल एवं पेड़, पौधे और लताओं के रूप में होती हैं।
इन पेड़, पौधों में एक योनी आम के पेड़ के रूप में होती है और जो मानव जीवन में गाली स्वरूप दूसरों को पत्थर मारता है अगली योनी में उसे आम का पेड़ बनकर बहुत पत्थर खाना पड़ते हैं।
भाजपा नेताओं ने लिया आशीर्वाद
कथा में मुख्य रूप से भाजपा नेता केके सिंह कालुखेड़ा, कीर्ति शरण सिंह ने पंडित मिश्रा का स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
कथा की शुरुआत एक पत्र में उल्लेख प्रश्न के वर्णन करते हुए पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि सबको अपने-अपने कर्म का फल खुद को भोगना है।पिता के कर्म का फल बेटे को नहीं भोगना है।
हमें बुरे कर्म करने से बचना चाहिए। आप अच्छा करोगे तो अच्छा होगा और बुरा करोगे तो आपके साथ ही बुरा होगा।
कथा के दौरान पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों ने मुझे बताया है कि रतलाम के इतिहास में पहली बार बड़ी मात्रा में श्रद्धालुजन एकत्र हुए हैं और यह सब शिव का प्रताप है।
यह कार्यसमिति के सदस्य मौजूद रहे
इस दौरान आयोजन समिति के कन्हैयालाल मौर्य, अनिल झालानी, प्रदीप उपाध्याय, अशोक पोरवाल, मुन्ना लाल शर्मा, जनक नागल, शसतीश राठौर, निमिष व्यास, राजकुमार धबाई, शांतिलाल गोयल, प्रकाश कुमावत, सुभाष कुमावत, नारायण पाटीदार, शिवनारायण पाटीदार, जगदीश राठौर, राजेश चौहान, सुरेश पुरोहित, मोनिका शर्मा, मंगला देवड़ा, कांता राठौर, काजल टाक सहित लाखों की संख्या में प्रदेश सहित राजस्थान, गुजरात और अन्य प्रांतों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने पहुँचे।