Cabinet Meeting’s Agenda: गलत जानकारी देने वाले उद्योगपति को नहीं होगी जेल , IAS बन सकेंगे आयुर्विज्ञान विवि में रजिस्ट्रार, कंट्रोलर

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MP BJP is in new era

Cabinet Meeting’s Agenda: गलत जानकारी देने वाले उद्योगपति को नहीं होगी जेल , IAS बन सकेंगे आयुर्विज्ञान विवि में रजिस्ट्रार, कंट्रोलर

भोपाल: मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश करने वाली कंपनी को गलत जानकारी प्रस्तुत करने के आधार पर कंपनी संचालक को अब जेल की हवा नहीं खानी पड़ेगी। वहीं मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में अब रजिस्ट्रार और कंट्रोलर के पद पर आईएएस और एसएएस की नियुक्ति भी की जा सकेगी। इसके लिए आज शाम होंने वाली कैबिनेट में मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विवि संशोधन विधेयक 2023  और मध्यप्रदेश निवेश संवर्धन संशोधन विधेयक 2023 के मसौदे को चर्चा के बाद मंजूरी दी जाएगी। बाद में इसी मानसून सत्र में इन संशोधन विधेयकों पर चर्चा होंगी इसके बाद इन्हें पारित किया जाएगा।

समत्व भवन में आज शाम सात बजे होंने वाली कैबिनेट बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रथम अनुपुरक अनुमान का अनुमोदन भी किया जाएगा।  यह लगभग बीस हजार करोड़ से अधिक का हो सकता है। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विवि में कुलपति, रजिस्ट्रार और कंट्रोलर  की नियुक्ति के नियमों में संशोधन करने विधेयक का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा।  कुलपति के लिए अब तीन नामों का पैनल बनाया जाएगा। वहीं रजिस्ट्रार और कंट्रोलर के पद पर किसी भी कॉलेज का सात साल तक प्राचार्य होंने  की शर्त में भी बदलाव किया जा रहा है। अब सात की जगह केवल पांच साल कॉलेज प्राचार्य रहे व्यक्ति भी इसके लिए पात्र होंगे।  राज्य प्रशासनिक सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा केअधिकारी भी रजिस्ट्रार और कंट्रोलर बन सकेंगे। वर्ष 2023 में नये प्रस्तावित व स्थापित पॉवर प्लांटों से बिजली खरीदी की दरे तय करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की जाएगी।
मध्यप्रदेश निवेश संवर्धन संशोधन विधेयक 2023 के जरिए मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश करने वाले निवेशकों को गलत जानकारी देने पर जुर्माने और जेल भेजे जाने के प्रावधान में से जेल भेजे जाने के प्रावधान को समाप्त किया जाएगा।

*टिफिन पार्टी भी-*
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रियों के साथ टिफिन पार्टी भी करेंगे। इससे पहले मानसून सत्र को लेकर मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे। इसमें मंत्री फिजिकल उपलब्ध रहेंगे और अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए शामिल किया जाएगा।