Cabinet Reshuffle Signal : गृहमंत्री के दौरे कैंसिल होना क्या केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल का संकेत!

फेरबदल हुआ तो मध्यप्रदेश से कुछ नए चेहरों को जगह मिलेगी!

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New Delhi : अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल कैबिनेट में एक बड़े फेरबदल की संभावना है। कयास लगाए जा रहे हैं कि यह फ़रवरी में भी हो सकता है। क्योंकि, विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में केंद्रीय मंत्रिमंडल के फेबदल से असर हो सकता है।

फेरबदल के फ़रवरी में होने की संभावना इसलिए जताई जा रही है कि गृह मंत्री अमित शाह ने 22 से 25 फ़रवरी तक के अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए। जबकि, इन तारीखों में उनका बिहार समेत कुछ जगहों का महत्वपूर्ण दौरा प्रस्तावित था।

अभी ऐसी कोई हलचल नहीं है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में उलटफेर हो सकता है! लेकिन, गृहमंत्री ने तीन दिन अपने सभी कार्यक्रम जिस तरह निरस्त किए उससे इन कयासों को बल मिला है। गृहमंत्री के अलावा कुछ और मंत्रियों ने भी अपने प्रस्तावित दौरे रद्द किए हैं। वरिष्ठ मंत्रियों और राजनेताओं का एक वर्ग इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है।

भाजपा में ऐसे फेरबदल पर कभी पहले से इशारा नहीं किया जाता। याद किया जाए तो अभी तक कई बार भाजपा संगठन और सरकार ने अचानक बहुत कुछ बदला है। बीते रविवार (12 फ़रवरी) को 13 राज्यपालों को बदला जाना भी ऐसी ही घटना थी। पिछले साल तो पार्टी ने गुजरात में मुख्यमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल को एक झटके में बदल दिया था। यही कारण है कि 22 से 25 के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा

यदि मंत्रिमंडल में फेरबदल होता है तो उन राज्यों को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलेगा जहां इस साल विधानसभा चुनाव होना है। इनमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और कर्नाटक जैसे बड़े राज्य हैं। यदि मध्यप्रदेश को प्रतिनिधित्व दिया जाता है, तो राकेश सिंह, वीडी शर्मा और रीति पाठक के नाम चर्चा में सबसे आगे हैं। वीडी शर्मा को उसी स्थिति में केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है, जब मध्यप्रदेश के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी और को सौंपी जाए! संभावना है कि आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते को केंद्रीय मंत्रिमंडल से प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। क्योंकि, आदिवासी सीटों को भाजपा बहुत गंभीरता से ले रही है और ये प्रयोग किया जा सकता है।

मंत्रियों को संगठन में लाया जाएगा

यदि शंका को बल मिला और फेरबदल हुआ तो मोदी सरकार में कम से कम आधे दर्जन सीनियर मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। उन्हें सरकार के बजाए संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है। 2024 से पहले नरेंद्र मोदी अधिकतर नेताओं को संगठन में लगाना चाहते हैं। वे सरकार में ऐसे नए लोगों को शामिल करना चाहते हैं, जो सरकार और पार्टी के भविष्य का चेहरा बन सकें। इस तरह प्रस्तावित कैबिनेट फेरबदल न सिर्फ सरकार बल्कि पार्टी के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है जिसके दूरगामी नतीजे सामने आएंगे।