Cable Bridge Accident : मैनेजर ने कहा ‘ भगवान की इच्छा थी इसलिए ये घटना हुई!’
Morbi : मोरबी केबल पुल हादसे के आरोपियों में से एक ने कोर्ट को बताया ‘भगवान की इच्छा’ की वजह से यह घटना हुई। यह टिप्पणी 150 साल पुराने पुल के रखरखाव के लिए जिम्मेदार Oreva कंपनी के मैनेजर दीपक पारेख ने की। वे रविवार को पुल दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद गिरफ्तार किए गए 9 लोगों में से एक हैं। इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान से कहा ‘यह भगवान की इच्छा थी कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई!’
मोरबी के DSP ने कोर्ट को बताया कि पुल की केबल को ‘जंग लग गई’ थी और मरम्मत करने वाली कंपनी ने इसे नहीं बदला। प्रशासन की मंजूरी या क्वालिटी चेक के बिना 26 अक्टूबर को पुल को जनता के लिए फिर से खोल दिया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मरम्मत के दौरान पुल का केवल फर्श बदला गया था। पुल के केबल पर न कोई तेल लगाया गया न किसी तरह के ग्रीसिंग की गई। जहां से केबल टूटी वहां जंग लगी हुई थी। अगर केबल की मरम्मत कर दी जाती, तो यह हादसा नहीं होता! लेकिन, हादसे को लेकर दाखिल की गई FIR में कॉन्ट्रेक्ट करने वाले Oreva और मोरबी नगर निकाय के बड़े अधिकारी के नाम का जिक्र तक नहीं है।
एक अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि पुल की मरम्मत करने वाले ठेकेदार सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के रखरखाव के लिए योग्य नहीं थे। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद साल 2007 और 2022 में इन ठेकेदारों को पुल के मरम्मत का काम दिया गया। केबल नहीं बदले गए थे, ऐसे में वह नए फर्श का वजह नहीं सहन कर पाए और टूट गए। फर्श में इस्तेमाल होने वाली चार-परत वाली एल्यूमीनियम शीट की वजह से पुल का वजन भी बढ़ गया।
मरम्मत करने वाली कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर जयसुख भाई पटेल हादसे के बाद से गायब हैं। उन्हें आखिरी बार उनके परिवार के साथ पुल के दोबारा खुलने के वक्त देखा गया था। Oreva कंपनी का अहमदाबाद स्थित फार्म हाउस पर ताला लगा है और वहां कोई नहीं है।