Cadre Change Petition Rejected : कैडर बदलाव की IAS हितेश कुमार की याचिका हाई कोर्ट ने खारिज की!

जानिए, तमिलनाडु के IAS का मामला क्या है!

290

Cadre Change Petition Rejected : कैडर बदलाव की IAS हितेश कुमार की याचिका हाई कोर्ट ने खारिज की!

Ahmedabad : गुजरात हाई कोर्ट ने आईएएस हितेश कुमार मकवाना की तमिलनाडु से अपने मूल राज्य गुजरात कैडर में परिवर्तन की मांग वाली याचिका खारिज कर दी गई। हाई कोर्ट ने पाया कि नौकरी के अंतिम समय में कैडर बदलने से कैडर के भीतर की अन्य नियुक्तियों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। नवंबर 2023 में हितेश कुमार मकवाना को भारत के नवनियुक्त महासर्वेक्षक बनाया गया। फिलहाल वे उसी पद पर कार्यरत हैं।

हितेश मकवाना अपने कैडर आवंटन के तुरंत बाद 1996 से यह कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने शुरू में ही केंद्र से उन्हें गुजरात कैडर में नियुक्त करने का अनुरोध किया। उन्होंने अपनी इस मांग को लेकर यह तर्क दिया था कि राज्य से बाहर के और अंदर के लोगों के लिए 2:1 कैडर आवंटन अनुपात के तहत, उन्हें एक राज्य के अंदर के अधिकारी के रूप में गुजरात में रखा जाना चाहिए था। लेकिन, कैडर बदलाव से इंकार कर दिया गया। इसके बाद वे अपने इस मामले को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) और फिर हाई कोर्ट में ले गए।

IMG 20240709 WA0013

केंद्र ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास अपने गृह राज्य के कैडर में जाने का कोई पुख्ता आधार और अधिकार नहीं है। कैडर आवंटन एक प्रशासनिक मामला है, जो केवल भेदभाव के स्पष्ट मामलों में न्यायिक समीक्षा के अधीन है।

 

अनुरोध अस्वीकारने का कारण

हितेश मकवाना ने अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के रूप में गुजरात कैडर पर जोर दिया था। लेकिन, सरकार ने उस समय इस श्रेणी में अंदरूनी लोगों के लिए कोई रिक्तियां नहीं होने का हवाला देते हुए उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अंदरूनी लोगों की श्रेणी में कोई उपलब्ध उम्मीदवार नहीं थे और ओबीसी रिक्तियों को परिवर्तित करके उनकी उम्मीदवारी पर विचार किया जाना चाहिए था।

केंद्र ने कहा कि कैडर आवंटन में सख्त नियमों का पालन किया जाता है और अंदरूनी ओबीसी रिक्तियों को केवल बाहरी रिक्तियों को शामिल करने वाली विशिष्ट परिस्थितियों में ही पुनः आवंटित किया जा सकता है। आरक्षित श्रेणी के स्लॉट में कोई व्यवधान न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए नीति का सख्ती से पालन किया जाता है।