Cag Report: जब्त की ज्यादा शराब स्टाक में दिखाई कम, आबकारी अफसरों ने लगाई करोड़ों की चपत

दूसरे नामों की बैंक गारंटी जमा कर दे दिए शराब ठेके

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Cag Report: जब्त की ज्यादा शराब स्टाक में दिखाई कम, आबकारी अफसरों ने लगाई करोड़ों की चपत

भोपाल: प्रदेश सबसे मलाईदार और कमाऊ आबकारी विभाग के अफसर ठेकेदारों को उपकृत कर सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचा रहे है। मध्यप्रदेश के बैतूल, सिंगरौली और रीवा जिलों में जिला आबकारी अधिकारियों ने शराब दुकानों पर छापे मारकर 1 लाख 5 हजार 268 देशी और विदेशी शराब की बोतले जब्त की और अफसरों ने अपने विभागीय स्टॉक रजिस्टरों में केवल 14 हजार 42 बोतलों का स्टॉक दर्ज किया। एक करोड़ 69 लाख मूल्य की शेष 91 हजार 226 बोतलों के लिए अफसरों ने कोई कार्यवाही नहीं की। वहीं नर्मदापुरम में शराब ठेके आवंटन में भी जमकर अनियमितता की। यहां शराब ठेके लेने के लिए शराब ठेकेदारों ने स्वयं के नाम की जगह दूसरे नामों से बनी बैंक गारंटी जमा की और अफसरों ने आंख बंद कर बिना सत्यापन किए शराब ठेके आवंटित कर दिए।

विधानसभा में पेश की गई कैग रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। प्रदेश के 31 जिलों में नई आबकारी नीति के तहत सुरक्षा निधि का भुगतान करने और आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने में असफल रहे शरा दुकान ठेकेदारों के समूह लाइसेंस और व्यक्तिग लाइसेंस रद्द कर इन सभी शराब दुकानों के शराब स्टाक को अपने कब्जे में लेने के निर्देश आबकारी आयुक् ने दिए थे।

महानियंत्रक लेखा परीक्षक ने इन शराब स्टॉक के रजिस्टरों की जांच की तो पाया कि बैतूल, सिंगरौली और रीवा में आबकारी उपनिरीक्षकों ने छह फुटकर दुकानों के संबंध में विदेशी और देशी शराब का पंचनामा नौ जून 2020 को तैयार किया जिसमें बैतूल के प्रताप वार्ड में 36 हजार 900 शराब बोतले जप्त कर पंचनामा बनाया और अफसरों ने अपने अभिलेख में इन शराब बोतलों का जिक्र ही नहीं किया इससे 90 लाख 5 हजार 780 रुपए की बोतलों का हिसाब गायब कर दिया। बैतूल गंज में 23 हजार 767 बोतलें जब्त की इसमें से अभिलेख में केवल 7 हजार 410 बोलें दिखाई। 22 हजार 856 बोतलों को रिकार्ड में ही नहीं लिया। इससे 46 लाख 54 हजार 190 रुपए का नुकसान हुआ। इसी तरह सिंगरौली में विंध्य नगर सरस्वाह और सिम्प्लेक्स में, रीवा में समान नाका में जब्त शराब ज्यादा की और स्टाक में कम दिखाई इससे कुल एक करोड़ 68 लाख रुपए का शासन को नुकसान हुआ। कैग ने इस पर सिफारिश की है कि सभी जिम्मेदार अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर वसूली की जाए और 31 जिलों में शराब के स्टॉक के लेखों की जांच कर जिम्मेदार अफसरों पर कार्यवाही की जाए।

*279 करोड़ 27 लाख की वसूली अटकी-*

वर्ष 20-21 में 52 जिलों में 10 हजार 729 करोड़ 52 लाख रुपए के 329 फुटकर लाइसेंस जारी किए गए थे। इनमें से 38 ने दुकान चलाने में असमर्थता बता अपने लाइसेंस सिरेंडर कर दिए। ठेके दूसरे ठेकेदारों को पुर्नआवंटित किए गए। इसमें 293 करोड़ 25 लाख रुपए की वसूली होंना था लेकिन केवल 13 करोड़ 98 लाख वसूल हुए शेष 279 करोड़ 27 लाख की वसूली नहीं हो पाई। इनमें दो लाइसेंसियों की चल और अचल सम्पत्ति न होंने से वसूली नहीं हुई। 17 लाइसेंसियों से 37 करोड़ 49 लाख की वसूली न्यायालयीन प्रकरणों के कारण लंबित है। 11 प्रकरणों से संबंधित 232 करोड़ 20 लाख की वसूली 43 महीने बीत जाने के बाद भी मार्च 2024 तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।

*बैंक गारंटी किसी और की ठेका किसी और को-*

शराब ठेकों की नीलामी में ठेकेदार को खुद के नाम से बैंक गारंटी लगाना होता है। लेकिन नर्मदापुरम में 19 लाइसेंसियों की 18 करोड़ 39 लाख की बैंक गारंटी संबंधित कार्यालय ने सत्यापित ही नहीं की। बैंक सत्यापन विवरण में बैंक गारंटीधारकों के नामों का उल्लेख नहीं था। 11 लाख 12 हजार 400 रुपए की बैंक गारंटी रविन्द्र सिंह के नाम पर पेश की गई जबकि वह बद्री प्रसार जायसवाल के नाम पर थी। इसी तरह 4 लाख 360 रुपए की बैंक गारंटी लाइसेंसी राहुल जायसवाल के नाम पर प्रस्तुत की गई। जांच में पता चला कि वह प्रियंका जायसवाल के नाम पर थी। कैग ने बैंक गारंटी की सत्यता की जांच करने, गलत बैंक गारंटी देने वाले लाइसेंसियों पर कार्यवाही करने और संदिग्ध बैंक अधिकारियों की भूमिका की जांच करने को कहा है।

*बोली निरस्त लेकिन नुकसान की भरपाई नहीं-*

बदनावर और गंधवानी में वर्ष 2020 में फुटकर बिक्री लाइसेंस के लिए जिला समिति ने 49 करोड़ 86 लाख रुपए की बोली स्वीकार कर ली। पैतालिस दिन में प्रतिभूति राशि जमा करने में विफल रहने पर कलेक्टर ने लाइसेंस निरस्त कर 9.58 करोड़ रूपए की वसूली के निर्देश दिए लेकिन लाइसेंसी के नाम कोई चल-अचल सम्पति न होंने से वसूली नहीं हो पाई।