विजय का आशीर्वाद मांगेंगे आज प्रत्याशी…

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विजय का आशीर्वाद मांगेंगे आज प्रत्याशी…

विजयादशमी का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है। इस बार पंचसाला लोकतांत्रिक महोत्सव के बीच पड़ रहे इस त्यौहार का प्रत्याशियों के लिए खास महत्व है। वह घर-घर पहुंचकर विजय का आशीर्वाद मांगेंगे। तो मतदाताओं के लिए बहुत असमंजस है कि किसको आशीर्वाद दें और किसके साथ कंजूसी का व्यवहार करें। अब जीत एक की होनी है और बाकी सबकी हार तय है। इस लोकतांत्रिक पर्व में विडंबना यह है कि कोई प्रत्याशी यह आकलन नहीं कर पाता कि उसके भीतर कितने फीसदी राम गुण हैं और कितने फीसदी रावण अवगुण बसे हैं। और अपने भीतर की बुराईयों पर अच्छाई की जीत दिलाने का जतन कैसे पूरा करना है। विडंबना यह भी है कि मतदाताओं के पास भी कोई मीटर नहीं है, जिसमें प्रत्याशी की अच्छाई-बुराई का आकलन कर पाएं। ऐसे में जैसे विजयादशमी त्यौहार पर रावण दहन कर हर साल खानापूर्ति कर संतुष्टि का अहसास करना पड़ता है। वैसे ही पंचसाला लोकतांत्रिक पर्व में मतदान कर  मतदाताओं को भी संतुष्ट होना पड़ता है। विधानसभा चुनाव 2023 में भी कुछ ऐसा ही दृश्य दिखने वाला है।
इस बार विजयादशमी इसलिए भी कुछ अलग है, क्योंकि इस साल दशहरा पर पंचक का योग बन रहा है। इस साल दशहरा के दिन कई दुर्लभ योग बनने के साथ पंचक भी आंरभ हो रहे हैं। वैदिक ज्योतिष में पंचक के दौरान कुछ गतिविधियों के लिए अशुभ माना जाता है। ऐसे में हर किसी के मन में असमंज की स्थिति है कि आखिर इस दिन रावण का दहन करना चाहिए कि नहीं। तो मन को यह समझाइश दी गई है कि रावण दहन एक प्रतीकात्मक कार्य है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है। इसीलिए इस पर पंचक का असर न माना जाए। पर मेरी अपील यह है कि पंचक में मरा रावण कुछ दुष्प्रभाव न छोड़े, यही प्रभु से सब मिलकर कामना अवश्य करें।
ज्योतिष शास्त्र के जानकारों और पंचांग के मुताबिक यह मत भी सामने आ रहा है कि इस साल दशहरा पर सुबह 4 बजकर 23 मिनट से ही पंचक शुरू है। जबकि पंचक की समाप्ति 28 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर होगी। ऐसे में जानकार बता रहे हैं कि पंचक होने की वजह से रावण के पुतले के साथ 5 अन्य पुतले भी दहन करें ताकि पंचक के कुप्रभाव को भस्म किया जा सके।
एक खास बात यह भी है कि प्रत्याशी अगर पंचक को मानकर बैठे रहे, तो पर्चा दाखिल करने का समय ही बमुश्किल दो दिन का ही मिल पाएगा। इसीलिए पंचक में भी अपने नामांकन पत्र दाखिल कर श्रेष्ठ मार्ग पर चलने का संकल्प लेकर विजय की तरफ कदम बढाए जाएं। ताकि विजय का आशीर्वाद फलीभूत हो सके और मतदाता के मन में भी संतुष्टि का भाव पैदा हो सके…।