

Caretaker Tried to Kill Former DGP : पूर्व डीजीपी एचएम जोशी का केयर टेकर ने गला दबाना चाहा, फिर पैर पकड़ लिए!
Bhopal : पूर्व डीजीपी एचएम जोशी के साथ उनके केयर टेकर ने मारपीट की और गला दबाने की कोशिश की। केयरटेकर गला दबोचकर उनसे पैसों की डिमांड कर रहा था। उसी समय घर में खाना बनाने वाली गीता पहुंच गई। उसे देखकर रफीक खान रुक गया। वरना कुछ भी हो सकता था। यह घटना अरेरा कॉलोनी की बताई जा रहा। पूर्व डीजीपी एचएम जोशी 1948 बैच के रिटायर्ड आईपीएस अफसर हैं।
वे 1984 में रिटायर हुए थे। रफीक खान उनका केयरटेकर है। उसे हर महीने 18-20 हजार रुपए दिए जाते थे। उन्होंने हबीबगंज थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें उल्लेख किया गया कि मैंने एक एजेंसी के जरिए केयर टेकर रखा है। मैं 8 अप्रैल को शाम साढ़े 4 बजे ड्राइंग रूम में खबर पढ़ रहा था कि तभी रफीक ने घर से 15-20 मिनट के लिए बाहर जाने की अनुमति मांगी।
इसके बाद मैंने उसे 20 मिनट बाद वापस घर आ जाने के लिए कहा। जब रफीक वापस आया तो उसने मेरा गला दबाते हुए बोला जितने भी पैसा रखा हुआ है, मेरे हवाले कर दो। मैं डर गया, लेकिन उसी वक्त खाना बनाने वाली गीता आ गई। इसके बाद उसे देखते ही रफीक ने मुझे छोड़ दिया और पैरों में गिरकर माफी मांगने लगा। आरोपी ने मौका पाकर अकेलेपन का फायदा उठाना चाहा था। हालांकि वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सका।
पूर्व डीजीपी ने बताया कि जब उसकी सच्चाई सामने आने के बाद बाकी का सामान चेक किया तो उसमें कीमती धातु से बनी गणेश जी की मूर्ति सहित दूसरी मूर्तियां भी गायब मिली। साथ ही घर में रखे कैश में 500 रुपए कम मिले। जिसे आरोपी के द्वारा चोरी करना स्वीकार कर लिया गया है।
इस पूरे मामले पर टीआई संजीव चौकसे ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल पूर्व डीजीपी की ओर से केवल आवेदन दिया गया है। आरोपी को बुलाकर पूछताछ की जाएगी। एचएम जोशी के भतीजे सीए विनोद जोशी ने बताया कि आरोपी की करतूत सामने आने पर जब उसे हायर कराने वाली कंपनी के ऑनर को कॉल किया, तो उन्होंने प्रॉपर रिस्पॉन्ड नहीं किया। ताऊ एचएम जोशी ने उसके खिलाफ केस दर्ज न कराते हुए शिकायती आवेदन दिया है। इस उम्र में वह कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं काटना चाहते।
एजेंसी और नौकर के खिलाफ मामला दर्ज होगा
एडिशनल डीसीपी रश्मि दुबे ने बताया की आवेदन पूर्व डीजीपी के नाम से उनके नौकर ने दिया है। गुरुवार शाम को एचएम जोशी से मुलाकात कर घटनाक्रम जाना, ल उन्होंने मारपीट की पुष्टि नहीं की। शुरुआती जांच में यह भी साफ हुआ की बिना पुलिस वैरिफिकेशन के रफीक को एजेंसी ने हायर किया। लिहाजा हायरिंग एजेंसी और रफीक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है।