Case of Death Due to Covishield : एस्ट्राजेनेका के बयान का संकट ‘सीरम’ पर आया, कोविशील्ड से मृत दो लड़कियों के पिता केस करेंगे!

जानिए, क्या है ये पूरा मामला!

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Case of Death Due to Covishield : एस्ट्राजेनेका के बयान का संकट ‘सीरम’ पर आया, कोविशील्ड से मृत दो लड़कियों के पिता केस करेंगे!

New Delhi : कोविशील्ड वैक्सीनेशन के बाद मौत का शिकार हुई दो लड़कियों के पिता ने कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी पर मुकदमा करने का फैसला किया है। वैक्सीन बनाने वाली एस्ट्राजेनेका कंपनी ने ब्रिटेन में स्वीकार किया है कि उसकी वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है, इस पर भारत में भी जोरदार प्रतिक्रिया हुई।

ब्रिटिश वैक्सीन निर्माण कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यूके की हाई कोर्ट में माना कि उसकी कोविड वैक्सीन से खून जमने का खतरा हो सकता है। एस्ट्राजेनेका के इस बयान का असर भारत में उसकी सहयोगी कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को भी हुआ। ल अदार पूनावाला की इस कंपनी ने एस्ट्राजेनेका की मदद से भारत में कोविशिल्ड वैक्सीन का उत्पादन किया।

कथित तौर पर वही कोविशील्ड लगाने से दो लड़कियों की मौत हुई थी। अब इन लड़कियों के पिता का कहना है कि एस्ट्राजेनेका ने मान लिया है कि उसकी वैक्सीन जानलेवा हो सकती है, इसलिए इसका उत्पादन करने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट के खिलाफ मुकदमा करेंगे।

नहीं रहीं ऋतिका और करुण्या

कोविड महामारी के दौरान ऋतिका श्री ऑम्ट्री और करुण्या नाम की लड़कियों की मौत हो गई। दोनों ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई थी। 18 साल की ऋतिका ने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2021 में कोविड महामारी के समय आर्किटेक्चर की पढ़ाई कर रही थीं। मई में उन्हें कोविशील्ड की पहली खुराक दी गई। एक हफ्ते बाद ऋतिका को तेज बुखार आया और उल्टी होने लगी। उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि वो चल-फिर भी नहीं पाती थी। एमआरआई स्कैन से पता चला कि उसके मस्तिष्क में रक्त के कई थक्के जमे थे और खून का रिसाव हो रहा था। दो हफ्तों के भीतर ऋतिका की दुखद मौत हो गई।

कोविड वैक्सीन ने ली दोनों लड़कियों की जान?

ऋतिका के माता-पिता उसकी मौत के सही कारण से अनजान थे। दिसंबर 2021 में एक आरटीआई के जरिए परिवार को पता चला कि ऋतिका को टीटीटी (थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम) हुआ था और ‘वैक्सीन रिएक्शन’ के कारण उसकी मौत हुई। इसी तरह, वेणुगोपाल गोविंदन की बेटी करुण्या की भी जुलाई 2021 में कोविड टीका लगवाने के एक महीने बाद मौत हो गई थी। तब वैक्सीन पर राष्ट्रीय समिति ने यह कहते हुए वैक्सीन से मौत की आशंका को खारिज कर दिया था कि इसका पर्यूप्त सबूत नहीं है। अब जबकि ब्रिटिश अदालत से यह बात बाहर आई तो भारत मे भी हड़कंप मच गया।