Case of fraud Registered Against Doctors : इंदौर के 3 डॉक्टरों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज!  

कांफ्रेंस के आयोजन लिए इकट्ठा किए पैसे हड़पने का आरोप! 

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Case of fraud Registered Against Doctors : इंदौर के 3 डॉक्टरों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज!  

 

Indore : संस्था ‘अड़क’ (द एसोसिएशन ऑफ़ ऑटोलेरिंगोलॉजिस्ट्स ऑफ़ इंडिया) से जुड़े तीन डॉक्टरों पर तिलक नगर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। डॉक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने नाक-कान-गला रोग से जुड़ी कॉन्फ्रेंस के लिए कई डॉक्टरों से रुपए कलेक्ट किए गए थे। उसी राशि में फर्जीवाड़ा किया।

मामले में कोर्ट ने पुलिस को केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। फरियादी डॉ प्रकाश तारे निवासी मनभावन नगर और डॉ राहिल निदान निवासी वंदना नगर की शिकायत पर आरोपी डॉ शैलेंद्र ओहरी निवासी मनोरमागंज, डॉ विशाल मुंजाल निवासी सुयश हॉस्पिटल के पीछे और डॉ संजय अग्रवाल निवासी दिलपसंद सॉलिटेयर मनोरमागंज पर मामला दर्ज किया। इन पर आरोप है कि संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव और कार्यक्रम संयोजक ने 2018 में मेडिकल पर आधारित राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस कराई थी। संस्था का बैंक अकाउंट स्टेट बैंक में था। इसके बावजूद, तीनों पदाधिकारियों ने दो अन्य अकाउंट खुलवाए और इसकी जानकारी किसी को नहीं दी।

विज्ञापन सहित अन्य की जो राशि एसबीआई बैंक में जमा हुई थी, उसे बाद में नए खातों में ट्रांसफर कर ली थी। हिसाब मांगने पर इस गबन का खुलासा हुआ है। यह कांग्रेस छह साल पहले हुई थी। इसका आयोजन डॉक्टरों ने किया था। कॉन्फ्रेंस खत्म होने के दोनों अकाउंट बंद करवा दिए। अकाउंट बंद करने के बाद जीएसटी नंबर सरेंडर किए थे। तीनों डॉक्टरों ने 2 करोड़ 71 लाख रुपए का गबन किया था।

6 साल पहले की शिकायत

आल इंडिया एसोसिएशन ऑफ लैगिंगोलॉजिस्ट ऑफ़ इंडिया संस्था के इंदौर ब्रांच के तत्कालीन सचिव डॉ राहिल निधान ने बताया कि हमने कोर्ट में 6 महीने पहले शिकायत की थी। कोर्ट ने संबंधितों पर केस दर्ज करने के निर्देश दिए थे। 2018 में कांफ्रेंस में स्पॉन्सरशिप और सदस्यों के माध्यम से 6 करोड़ 17 लाख रुपए इकट्ठा हुए थे, जिसमें 3 करोड़ 44 लाख रु. का खर्च बताया गया। शेष राशि डॉक्टरों ने अपने पास रख ली थी।

मेडिकल कंपनियों ने भी हिस्सा लिया 

इस कान्फ्रेंस को राष्ट्रीय स्तर पर सफल बनाने का दावा किया गया था। ऐसे में कई मेडिकल कंपनियों ने विज्ञापन किए और पार्टनर भी बने। एक अकाउंट एमवाय कैम्पस की ब्रांच, दो अन्य अकाउंट एचडीएफसी बैंक और कोटक महिन्द्रा में खुलवाए। इन खातों की जानकारी आरोपी डॉक्टरों ने संस्था से छुपाई थी। पहले अकाउंट से पेमेंट को इन लोगों ने नए दोनों अकाउंट में ट्रांसफर कराया और फायदा उठाया।