डा आनंद राय को सागर जेल शिफ्ट करने का मामला: जयस नेताओं के साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार क्यों ?
रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
रतलाम: डॉ आनंद राय को रतलाम जेल से केंद्रीय जेल सागर शिफ्ट करने की पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने कड़ी आलोचना की हैं। सकलेचा ने कहा कि भाजपा के इशारों पर प्रशासन जेल में निरुद्ध विचाराधीन राजनैतिक कैदी जयस नेताओं से आतंकवादी की तरह व्यवहार कर रहा हैं।
सकलेचा ने जारी बयान में कहा कि रतलाम जेल में 18 दिनों से बंद जयस नेताओं से किसी को भी मिलने तक नहीं दिया जा रहा हैं।यहां तक की सैलाना विधायक हर्ष विजय गहलोत ने जब जेल सुपरिटेंडेंट को जयस नेताओं से मिलने के लिए फोन किया तो उन्होंने जेल मैनुअल के विपरीत उन्हें मिलाने से इंकार कर दिया और कहा कि किसी मंत्री की अनुमति के बाद ही आपको मिलने दिया जा सकता हैं।
जेल में भी उनसे विचाराधीन कैदी के स्थान पर सजायाफ्ता कैदी के समान व्यवहार कर उनको सजायाफ्ता कैदियों के साथ रखा जा रहा हैं। इस मौसम में भी उन्हें उचित साधन उपलब्ध नहीं किए जा रहे हैं।जिस कारण उनका स्वास्थ्य निरंतर गिरता जा रहा हैं।
सागर और इन्दौर की केन्द्रीय जेल जहां गंभीर प्रकृति के क्रिमिनल सजायाफ्ता अपराधी हैं,वहां डॉ आनंद राय तथा डॉ अभय ओहरी को भेजना यह दर्शाता हैं कि जयस नेताओं को आतंकवादियों की तरह मानसिक प्रताड़ना दी जा रही हैं।उनसे प्रशासन के माध्यम से जेल मेन्यूअल के विपरीत व्यवहार करवाना,सरकार की दूषित मानसिकता का प्रतीक हैं।
सकलेचा ने कहा कि प्रशासन उनके साथ दुर्भावना से काम कर रहा हैं तथा लगातार कोशिश कर रहा हे कि न्यायालय में किसी भी तरह से उनकी जमानत ना हो। ऐसे में डायरी का न होना, फरियादी को अभी तक समंस का तामिल नहीं होना,इस बात का प्रमाण हैं कि प्रशासन हर हाल में उनकी जमानत को रोकना चाहता हैं।सकलेचा ने कहा कि भाजपा के इशारों पर अलोकतांत्रिक तरीके से,राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर,समाज के एक बड़े तबके के साथ इस तरह का छल कपट का व्यवहार प्रजातंत्र के लिए घातक हैं।