कोरोना की फ़र्जी रिपोर्ट प्रस्तुत कर अनुग्रह राशि लेने का मामला – कलेक्टर के निर्देश पर 2 लोगों पर हुई FIR

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Land Mafia:

 

मंदसौर से डॉ. घनश्याम बटवाल की ख़ास ख़बर

मंदसौर । कोरोना की प्रथम और द्वितीय लहर में जान गंवाने वालों को आर्थिक मदद के लिये भी संघर्ष करना पड़ा । केंद्र और राज्य सरकारों को सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश बाद न्यूनतम पचास हजार रुपये की राशि तत्काल दिये जाने का मंदसौर जिले में दूरूपयोग होना पाया गया है ।

अधिकृत जानकारी के मुताबिक कलेक्टर के निर्देश पर दो लोगों पर पुलिस में एफआईआर दर्ज़ कराई गई है ।                  IMG 20220113 WA0142

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सूची अनुसार कोरोना से 130 लोगों की मृत्यु हुई है । जबकि जिला प्रशासन के माध्यम से अबतक लगभग 200 लोगों को अनुग्रह राशि प्रदान की गई है । कुछ प्रकरण लंबित हैं वहीं कुछ लोगों ने अबतक आवेदन भी नहीं दिये हैं ।

मंदसौर तहसीलदार मुकेश सोनी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की सूची अनुसार मृतकों के निकट संबंधी एवं उत्तराधिकारी परिजनों से सम्पर्क किया गया । तहसील रीडर माध्यम से तथ्य सामने आया कि सूची के मृतकों में दो व्यक्ति जिंदा हैं ।

अतिरिक्त जिला कलेक्टर आर. पी . वर्मा के अनुसार मंदसौर जिले में लगभग 200 मृतक परिवार को शासन के आदेश से अनुग्रह राशि बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कराई गई है । जिले के अलावा अन्य स्थानों के मृतक परिवार भी शामिल हैं । जानकारी मिलने पर सत्यापन कराए जाने पर शंका बढ़ी जिसमें कुछ नाम गलत मिले हैं । विस्तृत जांच होरही है ।

कलेक्टर गौतमसिंह ने मामले में संज्ञान लेते हुए नायब तहसीलदार धुँधड़का के माध्यम से प्रकाश पिता जुझार लाल निवासी झिरकन ,

अम्बुगिर पिता वर्दीगिर निवासी झिरकन के विरुद्ध पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज़ कराई है ।

दोनों आरोपियों द्वारा इंदौर की डॉ अग्निहोत्री पैथोलॉजी ऐंड डायग्नोस्टिक सेंटर की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई , क्यूआर कोड स्कैन में प्रस्तुत रिपोर्ट अन्य व्यक्ति के नाम है और वह मरीज़ निगेटिव बताया है । रिपोर्ट से छेड़छाड़ करते हुए

आरटीपीसीआर की फर्जी रिपोर्ट पेश कर अनुग्रह राशि का लाभ उठाया गया ।

कलेक्टर मंदसौर ने यह सूचना सोशल मीडिया पर अधिकृत रूप से दी है ।

सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की विस्तृत जांच में और भी कुछ नाम फर्जी लाभ लेने वालों के सामने आसकते हैं । क्योंकि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्रों में कोरोना से मृत्यु का उल्लेख नहीं है । सर्वोच्च न्यायालय एवं सरकारों ने कालम शामिल किया जिसके आधार पर चिकित्सकों की रिपोर्ट को शामिल माना गया है । ऐसे फर्जी मामले अन्य स्थानों से भी सामने आए हैं ।

मंदसौर जिले सहित अन्य जिलों में भी विस्तृत जांच होरही है ।