मीडियावाला.इन। बहुत सारी मूंगफली एक कमरे में पड़ी हुई थीं कुछ बड़ी,कुछ बहुत बड़ी, कुछ छोटी तो कुछ बिल्कुल छोटी, ....किसी में पाँचदाने, किसी में चार, किसी में तीन ,किसी में दो दाने थे। वे सब दाने आपस...
मीडियावाला.इन। बहुत सारी मूंगफली एक कमरे में पड़ी हुई थीं कुछ बड़ी,कुछ बहुत बड़ी, कुछ छोटी तो कुछ बिल्कुल छोटी, ....किसी में पाँचदाने, किसी में चार, किसी में तीन ,किसी में दो दाने थे। वे सब दाने आपस...
https://www.youtube.com/watch?v=4k_15GvaK3I
मीडियावाला.इन। लघुकथाएँ 1. परमानंद एयरपोर्ट पर खड़े विमान ने कुछ दूर खड़ी बस से कहा,' मैं तो यहाँ खड़े - खड़े बोर हो गई। तुम कैसे रह लेती हो एक ही जगह ? ' 'जहाँ...
मीडियावाला.इन। अक्सर आप अपने ड्राइंग-रूम के सोफ़े या बेड-रूम के बिस्तर की सुरक्षा में बैठ कर टी.वी.पर जंगली जानवरों पर बने कार्यक्रम देख कर खुश होते हैं । ये कार्यक्रम आपको सुंदर सपनों-से लगते हैं । टी.वी. स्क्रीन...
मीडियावाला.इन। कालजयी साहित्य कुछ कहानियाँ अपने विश्लेषण , विषय और सूक्ष्मता की बदौलत काल के दायरे से बाहर निकल जाती हैं लिहाजा कई पीढियां उन्हें पढ़ती , सोचती और चकित होती रहती हैं | स्त्री विषयों...
मीडियावाला.इन। एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये! हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ?? ...
मीडियावाला.इन। भोपाल रियासत के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खान का पूरा नाम सिकंदर सौलत इफ्तेखार उल मुल्क बहादुर हमीदुल्लाह खान था। उन्होंने अच्छी-खासी तालीम हासिल की थी और कुशल प्रशासक थे। 20 अप्रैल 1926 को उन्होंने गद्दी संभाली थी। सैफिया...
मीडियावाला.इन। राजी ने बेटे सुयश की शादी से पहले मकान में कुछ फेरबदल करने का प्रस्ताव रखा। उसकी की बात से बाप-बेटे दोनों ही असहमत थे। घर में चार बैडरूम, ड्रॉइंग रूम,रसोई, ऊपर जाने की सीढ़ियां और...
मीडियावाला.इन। मुहल्ले की नई बहार थी वह. सबकी तरह आलोक को भी बहुत भाने लगी थी. वह चाहता था यह बसंत ठहर जाए. उसके घर में न सही, उसके आसपास. खूशबू आती रहे दूर से ही मगर, सामने हो...
मीडियावाला.इन। आज हम आपको दुनिया की सबसे करूण प्रेमकथा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर शायद आप भी चौंक जाएंगे । इस प्रेमकथा का नायक प्राचीन आयरलैंड का एक योद्धा ओईसीन है । ओईसीन...
मीडियावाला.इन। कहानी अगस्त माह का पहला रविवार है | सुबह-सुबह का झुटपुटा है | अभी वृक्ष सोये पड़े हैं | डालियाँ पंछियों की चहचहाहट सुनने के लिए आतुर हैं लेकिन कहीं कोई आवाज़ नहीं केवल एक आवाज़ को छोड़कर...