Cryptocurrency Fraud : क्रिप्टोकरेंसी फ्राड से जुड़े मामलों में देशभर में 60 जगह CBI की छापेमारी!

बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज वेबसाइटों की नकल करके लोगों के साथ ठगी की गई!

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Cryptocurrency Fraud : क्रिप्टोकरेंसी फ्राड से जुड़े मामलों में देशभर में 60 जगह CBI की छापेमारी!

 

New Delhi : देशभर में 60 जगह पर सीबीआई ने छापेमारी की है। क्रिप्टोकरेंसी फ्राड से जुड़े मामलों में ये छापे दिल्ली एनसीआर, पुणे, चंडीगढ़, नांदेड़, कोल्हापुर, बेंगलुरु और अन्य प्रमुख शहरों में चलाए जा रहे हैं। यह घोटाला फर्जी वेबसाइटों और ऑनलाइन धोखाधड़ी के माध्यम से किया गया। इसमें आरोपियों ने बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज वेबसाइटों की नकल करके लोगों के साथ ठगी की।

क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा ये स्कैम 2015 में शुरू हुआ था, जिसे अंजाम देने वालों में अमित भारद्वाज (मृतक), अजय भारद्वाज और उनके एजेंट शामिल थे। इन लोगों ने गेन बिटकॉइन और कई दूसरे नाम से वेबसाइट बनाकर लोगों से पोंजी स्कीम के तहत क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्ट कराया था। इन सभी वेबसाइट का कंट्रोल वैरिएबलटेक नामक कंपनी द्वारा किया जाता था।

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निवेशकों से अच्छे रिटर्न वादा किया

क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड करने वाले अमित भारद्वाज (मृतक), अजय भारद्वाज ने निवेशकों को इस योजना में 18 महीने बिटकॉइन में पैसा लगाने के लिए कहा, इसके बदले इन दोनों ने 10% रिटर्न देने की बात कही थी। साथ ही निवेशकों को एक्सचेंजों से बिटकॉइन खरीदने और ‘क्लाउड माइनिंग’ अनुबंधों के माध्यम से गेनबिटकॉइन के साथ निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

शुरू में दिया निवेशकों को रिटर्न

क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड करने वाले इतने शातिर थे कि उन्होंने निवेशकों को शुरुआत में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर रिटर्न दिया। लेकिन, 2017 में इंवेस्टर्स कम होने के बाद ये योजना फ्लॉप हो गई और आरोपियों ने इंवेस्टर्स के घाटे को कवर करने के लिए उनके पैसे को अपनी इन हाउस एमसीएपी क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया, जिसकी वास्तिव कीमत बिटकॉइन से काफी कम थी।

एफआईआर देशभर में दर्ज हुई 

इस क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए पूरे भारत में कई एफआईआर दर्ज की गई। स्कैम के साइज को देखते हुए जम्मू और कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया, अब छापामार कार्यवाही उसी के तहत की जा रही है।