CEC Gyanesh Kumar: वोट चोरी के आरोपों के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी

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CEC Gyanesh Kumar: वोट चोरी के आरोपों के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी

New Delhi: देश में चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर तीव्र राजनीतिक विवाद बढ़ गया है। विपक्ष ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके चलते इंडिया अलायंस के नेताओं ने संसद में महाभियोग प्रस्ताव लेकर उनकी बर्खास्तगी की मांग करेगा।

सोमवार को संसद भवन में हुई इंडिया अलायंस की बैठक में इस विषय पर विस्तृत चर्चा हुई और गठबंधन की ओर से मुख्य चुनाव आयुक्त को पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव जोर पकड़ा।

इस पूरे विवाद की शुरुआत रविवार को हुई जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि पहले वोट चोरी गुप्त तरीके से होती थी, अब ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (SIR) की आड़ में यह सरेआम हो रही है। अपनी बिहार मतदाता अधिकार यात्रा के दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि वे न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से डरते हैं और न ही चुनाव आयोग से। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि 2023 में चुनावी कानून में बदलाव कर मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों को कानूनी कार्रवाई से मुक्त कर दिया गया क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह चाहते हैं कि वोट चोरी की जांच न हो।

इस आरोप के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (SIR) का उद्देश्य अवैध मतदाताओं को हटाना है, जिससे चुनाव प्रक्रिया को मजबूत और निष्पक्ष बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि वोट चोरी का कोई सबूत नहीं है और यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ राजनीतिक दल इस मुद्दे पर गलत जानकारी फैलाकर वोटरों को भ्रमित कर रहे हैं। उन्होंने सभी से अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अपील भी की।

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों के खिलाफ अपनी सफाई में स्पष्ट किया है कि आयोग पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ चुनाव परीक्षा प्रक्रिया को संचालित कर रहा है। आयोग के अनुसार, ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ मतदाता सूची की गुणवत्ता सुधारने के लिए जरूरी है और इसका उद्देश्य केवल सही मतदाताओं को ही वोट देने का अधिकार देना है।

राजनीतिक गलियारे में इस मामले ने चिंता पैदा कर दी है, भारत के चुनाव लोकतंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया शुरू कर सकता है, जो देश की स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव व्यवस्था के लिए चुनौती मानी जा रही है।