श्मशान में जलती चिताओं के बीच मनाते हैं दीपावली, झुमते हैं, नाचते हैं, गाते हैं और आतिशबाजी कर देते हैं मृतात्मा को श्रद्धांजलि!

1969

श्मशान में जलती चिताओं के बीच मनाते हैं दीपावली, झुमते हैं, नाचते हैं, गाते हैं और आतिशबाजी कर देते हैं मृतात्मा को श्रद्धांजलि!

 

 

Ratlam : मध्यप्रदेश के रतलाम शहर में एक संस्था ऐसी है जिसके सदस्य शहर के मुक्तिधाम में जाकर मृतात्माओं के साथ दीपावली मनाते हैं। जलती चिताओं के बीच सैकड़ों श्रद्धालुओं का जमघट श्मशान घाट को एक तीर्थ स्थल के रूप में परिवर्तित कर देते हैं।इतना ही नहीं यह लोग श्मशान में बकायदा रांगोली बनाते हैं,दीप प्रज्ज्वलित करते हैं और ढोल नगाड़ों के साथ नाचते-गाते हुए दीपावली मनाते हैं।

IMG 20231111 WA0068

चंद सदस्यों द्वारा प्रारंभ किया गया यह कारवां आज सैकड़ों श्रद्धालुओं की संख्या में तबदील हो गया हैं। जिसमें युवा, बुजुर्ग, महिला और बच्चे श्मशान में पंहुचकर मृतात्माओं को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं।

IMG 20231111 WA0069

दीपावली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी पर मुक्तिघाम में दिवाली मनाने की अनूठी पहल हैं। बता दें कि यह नजारा मध्यप्रदेश के रतलाम का हैं जहां त्रिवेणी मुक्तिधाम में नरक चतुर्दशी पर अनोखी दिवाली मनाई जाती है। वैसे तो रात में श्मशान में जाने में हर कोई कतराता है लेकिन यहां दीपावली के मौके पर इस मुक्तिधाम में हर्षोल्लास के साथ बुजुर्ग, युवा, महिलाएं और छोटे बच्चे दीपावली मनाते हुए नजर आते हैं।

IMG 20231111 WA0070

प्रेरणा संस्था से जुड़े सैकड़ों लोग यहां दीपदान करने और पूर्वजों को याद करने पहुंचते हैं।रूपचौदस की शाम त्रिवेणी मुक्तिधाम में अलग ही नजारा देखने को मिलता है, यहां लोग दीप जलाते है और रंगोली बनाकर ढोल-बाजे और आतिशबाजी के साथ दीपावली मनाई जाती है।

IMG 20231111 WA0071

प्रेरणा संस्था के गोपाल सोनी, राजेश रांका बताते है कि हम 5 लोगों ने 2006 में इसकी शुरुआत की थी। जिसके बाद धीरे-धीरे लोग इस दीपदान कार्यक्रम से जुड़ते गए और अब बड़े स्तर पर मुक्तिधाम में दिवाली मनाने लोग परिवारजनों के साथ आते हैं जहां एक तरह से अलौकिक माहौल बन जाता है।