New Delhi : देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र ने एडवाइजरी जारी करके 30 जून तक सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की सलाह दी है। केंद्र ने कहा है कि इससे ‘स्वच्छ और हरित’ पर्यावरण को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत वर्तमान में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय काम कर रहे हैं. इसमें प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, जिसमें Single Use Plastic (SUP) का उन्मूलन भी शामिल है, इस पर खास तौर पर फोकस किया जा रहा है।
सरकार का कहना है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार 4,704 में से 2,591 शहरी स्थानीय निकायों ने सिंगल-यूज प्लास्टिक को पहले ही प्रतिबंधित कर दिया है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अब यह सुनिश्चित करें कि शेष 2,100 से अधिक शहरी स्थानीय निकाय भी 30 जून, 2022 तक इस पर रोक लगा दें।
विश्व पर्यावरण दिवस से एक दिन पहले जारी बयान में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को देश को सिंगल-यूज प्लास्टिक (SUP) से मुक्त बनाने के लिए कई तरह की गतिविधियां करने के लिए कहा गया है। इनमें प्लास्टिक कचरा संग्रह पर विशेष जोर देने के साथ बड़े पैमाने पर सफाई और ‘प्लॉगिंग’ अभियान शामिल होंगे। साथ ही सभी नागरिकों, छात्रों, स्वैच्छिक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, स्थानीय गैर सरकारी संगठनों/सीएसओ, एनएसएस और एनसीसी कैडेट, आरडब्ल्यूए, बाजार संघ और अन्य लोगों के बीच कॉर्पोरेट संस्थाओं की भागीदारी के साथ बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान शामिल होंगे।
बयान में कहा गया है कि पर्यावरण को लेकर भारत की प्रतिबद्धता के तहत मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 30 जून तक इन आदेशों को पूरा करने के लिए कई तरह की गतिविधियां शुरू करने के लिए एक विस्तृत सलाह जारी की है। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 के अनुसार, 75 माइक्रोन यानि 0.075 मिमी मोटाई से कम के प्लास्टिक से बने कैरी बैग के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर 30 सितंबर, 2021 से प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंत्रालय ने कहा कि पीडब्लूएम नियम, 2016 के तहत पहले अनुशंसित 50 माइक्रोन था।
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इसमें यह भी कहा गया है कि नगरीय निकायों को SUP ‘हॉटस्पॉट’ की पहचान करने और उन्हें नष्ट करने की जरूरत होगी। जबकि, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के समर्थन का समानांतर रूप से लाभ उठाना और विशेष प्रवर्तन दस्तों का गठन करना, औचक निरीक्षण करना और SUP प्रतिबंधों को लागू करने के लिए गलती करने वालों पर भारी जुर्माना और दंड लगाना शामिल है।