
Central Cabinet Decisions: महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 4 जिलों में रेलवे की 2 बड़ी मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी
रेलवे जोड़ेगा तरक्की की रफ्तार, मोदी कैबिनेट से महाराष्ट्र-मप्र के यात्रियों को मिली सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने भारतीय रेलवे के विस्तार को लेकर ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। इन निर्णयों से जहां यात्रियों को सुविधा मिलेगी, वहीं माल परिवहन, रोजगार और पर्यावरण संरक्षण को भी नई दिशा मिलेगी।
सीसीईए ने बुधवार को महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार जिलों में रेलवे की दो बड़ी मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी। इसमें रतलाम-नागदा तीसरी एवं चौथी लाइन और वर्धा-बल्हारशाह चौथी लाइन शामिल हैं। इनका उद्देश्य रेलवे नेटवर्क को 176 किलोमीटर तक बढ़ाना, भीड़भाड़ घटाना और तेज, निर्बाध परिवहन सुनिश्चित करना है।
परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 3,399 करोड़ रुपये होगी और इन्हें वर्ष 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य है। कामकाज के दौरान लगभग 74 लाख प्रत्यक्ष रोजगार दिवस उत्पन्न होने की संभावना है, जिससे स्थानीय श्रमिकों को भी बड़ा फायदा होगा। लाइन क्षमता बढ़ने से माल ढुलाई में सालाना 18.4 मिलियन टन की वृद्धि अनुमानित है। नई लाइनों से कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, कृषि उत्पाद, कंटेनर और पेट्रोलियम जैसे भारी माल की ढुलाई सुगम होगी।
इन परियोजनाओं से न सिर्फ रेलवे की लॉजिस्टिक्स लागत घटेगी, बल्कि तेल आयात करीब 20 करोड़ लीटर सालाना कम होगा और कार्बन उत्सर्जन में करीब 99 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। यह फैसला पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत बहु-मॉडल कनेक्टिविटी की दिशा में बड़ा कदम है, जो लचीली आपूर्ति शृंखला और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
“एक नजर में”-
1. रतलाम-नागदा व वर्धा-बल्हारशाह नई लाइनों को CCEA की मंजूरी
2. कुल लागत: 3,399 करोड़ रुपये
3. रेलवे नेटवर्क में 176 किमी इज़ाफा, 2029-30 तक लक्ष्य
4. करीब 74 लाख डायरेक्ट रोजगार दिवस सृजन
5. सालाना 18.4 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई
6. तेल आयात, CO2 उत्सर्जन में भारी कमी
7. सप्लाई चेन सुधरेगी, सेवा विश्वसनीयता बढ़ेगी
8. PM-गति शक्ति के तहत इंटीग्रेटेड कनेक्टिविटी
निष्कर्ष:
ये फैसले भारतीय रेलवे को अत्याधुनिक, स्मार्ट और पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में मील का पत्थर बनेंगे। यात्रियों की सुविधा, रोजगार सृजन, लागत में गिरावट और प्रदूषण नियंत्रण, हर स्तर पर देश को आगे बढ़ाने की नई रेल रफ्तार तय होंगी।





