26 हजार 662 करोड़ के घाटे में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी,प्रदेश की मांग पूरी करने 12 हजार 485 मेगावाट बिजली खरीदी का अनुबंध

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26 हजार 662 करोड़ के घाटे में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी,प्रदेश की मांग पूरी करने 12 हजार 485 मेगावाट बिजली खरीदी का अनुबंध

भोपाल
मध्यप्रदेश में विभिन्न स्रोतों से 22 हजार 220 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। आगामी वर्षो के दौरान विद्युत की बढ़ती हुई मांग की पूर्ति के लिए विभिन्न क्षेत्रों से कुल 12 हजार 485 मेगावाट बिजली खरीदी के अनुंबंध सरकार ने किए है। मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी 26 हजार 662 करोड़ 76 लाख रुपए के घाटे में चल रही है।

यह जानकारी प्रदेश के उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने हाल ही में संपन्न विधान सभा सत्र में कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत के सवाल के लिखित जवाब में दी।

उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 की स्थिति में मध्यप्रदेश में बढ़ती मांग को पूरा करने विभिन्न क्षेत्रों से 12 हजार 485 मेगावाट बिजली खरीदी के अनुबंध किए गए है। इनमें ताप और जल विद्युत के स्वयं के स्रोतो को शामिल करते हुए 6 हजार 812 मेगावाट विद्युत उत्पादन के अनुबंध शामिल है। कुल अनुबंधित विद्युत क्षमता में से स्वयं के स्रोतो सहित पारंपरिक उर्जा से 13 हजार 825 मेगावाट, सौर उर्जा से 9017 मेगावाट, पवन उर्जा से 3 हजार 964 मेगावाट एवं अन्य स्रोतों से 1087 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है।

उपभोक्ताओं से वसूली 6.79 रुपए प्रति यूनिट पर-
मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों में 2022-23 में विद्युत उत्पादन लागत की जानकारी देते हुए तोमर ने बताया कि अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 2.94 रुपए, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में 4.46 रुपए,संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर में 3.09 रुपए और श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खंडवा में 5.16 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली उत्पादन हो रहा है और प्रदेश के उपभोक्ताओं को 6.79 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जा रही है।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी करोड़ों के घाटे में-
उर्जा मंत्री तोमर ने बताया कि मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी 26 हजार 662 करोड़ 76 लाख रुपए के घाटे में चल रही है। कंपनी स्तर पर घाटा कम करने मीटरिंग, बिलिंग एवं बिलों के भुगतान की प्रक्रिया को तकनीकी रुप से उन्नत कर दक्षता को बेहतर बनाया गया है। स्पॉट बिलिंग, फोटो मीटर रीडिंग बिल भुगतान के लिए विभिन्न विकल्प उपभोक्ताओं को प्रदान किए जा रहे है। बिजली चोरी और अप्राधिकृत उपयोग को रोकने के लिए चेकिंग की जा रही है। डीआर एक्ट के तहत बकाया राशि की वसूली की जा रही है। तकनीकी हानियों को कम करने कैपिसिटर बैँक की स्थापना, कंडक्टर की क्षमता वृद्धि, फीडर विभक्तिकरण, एलटी अंडग्राउंड केबलिंग, अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना की जा रही है ताकि हानि कम की जा सके।

शासकीय विभागों पर 2087 लाख रुपए बकाया-
मंत्री ने बताया कि श्योपुर जिले में शासकीय विभागों पर 2087 लाख 80 हजार के बिलों की राशि बकाया है। बकाया वसूली के लिए नियमानुसार कनेक्शन काटने की कार्यवाही की जा रही है। किसानों पर दिसंबर तक जिले में 20 हजार 332 लाख रुपए की राशि बाकी है। राशि वसूलने न्यायालय में मामले नहीं है लेकिन अप्राधिकृत उपयोग के मामलों में न्यायालयों में मुकदमें चल रहे है। डयूज रिकवरी एक्ट के तहत वसूली की कार्यवाही की जा रही है।