Chairman Came to Indore : रेल प्रोजेक्ट की समीक्षा करने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष इंदौर आए!
देखिए VDO चैयरमेन ने क्या कहा!
Indore : रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ अनिल कुमार लाहोटी ने आज बुधवार को रतलाम मंडल के इंदौर क्षेत्र का दौरा कियाI उप मुख्य इंजीनियर (निर्माण) कार्यालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में उन्होंने पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र, निर्माण विभाग के अधिकारियों व रतलाम डिवीजन के मंडल रेल प्रबंधक रजनीश कुमार के साथ इंदौर क्षेत्र के रेलवे प्रोजेक्टों की समीक्षा बैठक कीI
बैठक के आरंभ में पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र ने अध्यक्ष को ट्री प्लांट भेंटकर स्वागत कियाI इसके बाद निर्माण विभाग के अधिकारियों ने इंदौर एरिये में चल रही विभिन्न परियोजनाओं/विकासों और उपलब्धियों के संबंध में पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन दियाI
बैठक में उज्जैन -देवास-इंदौर दोहरीकरण, दाहोद -इंदौर नई लाईन, महू-सनावद गेज कन्वर्जन व अन्य प्रोजेक्टों के बारे में चर्चा की गईI इसके अलावा इंदौर रेलवे स्टेशन के रिडेवलपमेंट की भी समीक्षा की गईI इस दौरान उन्होंने सांसद शंकर लालवानी के साथ बैठक कीI इसके अलावा उनके द्वारा मीडिया से भी संवाद किया गयाI
इंदौर स्टेशन का डेवलपमेंट
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने मीडिया को बताया कि इंदौर रेलवे स्टेशन का डेवलपमेंट पहले पीपीपी मॉडल से होना था उसे हटाकर सरकार के बजट में शामिल किया गया है। आज मैंने इसकी भी समीक्षा की। लेकिन यहां की जो कमर्शियल प्रॉपर्टी है उसका डेवलपमेंट अलग से किया जाएगा। यह निर्णय होने के बाद यहां के जो नक्शे और मास्टर प्लान है, उसे फिर से बनाया गया है और उसे रेलवे बोर्ड से सरकार को भेजा जाएगा। उसके लिए सीपीआर बना ली गई है। फिर हमारे फाइनेंशियल विभाग को भेजा जाएगा। फिर करीब 10 दिन में रेल मंत्रालय को इसे सौंप दिया जाएगा। इसकी स्वीकृति में सामान्यतः 2 महीने का समय लगता है।
उन्होंने बताया इंदौर-उज्जैन रेल लाइन के दोहरीकरण का काम चल रहा है। उसे सितंबर माह तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना के बाद रेलवे टाइम टेबल में बदलाव आया है। कई पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस में बदला गया, इसलिए उनके यात्रा भाड़े में परिवर्तन हुआ है।
हाइड्रोजन रेल बनाने का प्रोजेक्ट नॉर्दन रेलवे ने दिया है। इस पर काम चल रहा है और हमारी कोशिश है कि इसी वित्तीय वर्ष में उसके ट्रायल शुरू हो जाए। यह बहुत बड़ा टेक्नोलॉजिकल ब्रेक थ्रू होगा, जब हाइड्रोजन ट्रेन चलाएंगे। जब ट्रायल हो जाएगा इसके बाद इसमें क्या कुछ नया किया जा सकता है उस पर काम होगा।