Chaitra Navratri 2023-ग्रह नक्षत्रों का अद्भुत संयोग,इस बार मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आएंगी

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Chaitra Navratri 2023

Chaitra Navratri 2023-ग्रह नक्षत्रों का अद्भुत संयोग,इस बार मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आएंगी

22 मार्च से मां दुर्गा के वासंती नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं और 30 मार्च को रामनवमी का पर्व पड़ेगा। इस दौरान पंचक में माता रानी पृथ्वी पर पधारेंगी लेकिन आदि शक्ति जगदंबा की पूजा में पंचक का असर नहीं होता. ऐसे में पहले दिन घटस्थापना सुबह 06.29 से लेकर 07.39 तक शुभ मुहूर्त में होगी. इस बार मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आएंगी।क्षत्रों का अद्भुत संयोग बन रहा है। यह संयोग लगभग सैकड़ों वर्षों के बाद पड़ रहा है। जब शनिदेव अपनी राशि कुंभ में तथा बृहस्पति देव अपनी राशि मीन में संचार करेंगे। यह दुर्लभ संयोग नवरात्र को बहुत ही खास बना रहे हैं। मां दुर्गा का नौका पर आगमन बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है। इसलिए यह नवरात्र भक्तों को सुख और समृद्धि प्रदान करेगा।

इस साल चैत्र नवरात्रि के पहले दिन दो बेहद शुभ ब्रह्म और शुक्ल योग का संयोग भी बन रहा है जिसमें माता की पूजा का दोगुना फल प्राप्त होगा. वहीं इस साल देवी पूरे 9 दिन तक धरती पर भक्तों के बीच रहेगीं. आइए जानते हैं नवरात्रि के 9 दिन का महत्व और माता को प्रसन्न करने के लिए इन दिनों में कैसे पूजा करनी चाहिए.

नवरात्रि के 9 दिन का महत्व (Chaitra Navratri 9 Nights Importance)

नवरात्र शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है नव और रात्रि यानी की 9 रातें. ‘रात्रि’ शब्द सिद्धि का प्रतीक माना जाता है. प्राचीन काल में शक्ति और शिव की उपासना के लिए ऋषि मुनियों ने दिन की अपेक्षा रात्रि को ज्यादा महत्व दिया है. पुराणों के अनुसार रात्रि में कई तरह के अवरोध खत्म हो जाते हैं. रात्रि का समय शांत रहता है, इसमें ईश्वर से संपर्क साधना दिन की बजाय ज्यादा प्रभावशाली है. इन 9 रातों में देवी के 9 स्वरूप की आराधना से साधक अलग-अलग प्रकार की सिद्धियां प्राप्त करता है.

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
  • 22 मार्च को कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह लगभग 6:30 से 9:25 के मध्य रहेगा। इस दौरान लाभ और अमृत चौघड़िया रहेगी।
  • इसके बाद सुबह 10:55 से लेकर 12:25 के मध्य शुभ की चौघड़िया और अभिजीत मुहूर्त विद्यमान होगा।
  • जबकि अपराह्न काल में लगभग 3:20 से 6:20 के मध्य कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त होगा।