आबादी में नंबर एक के बाद बढ़ी चुनौती…

आबादी में नंबर एक के बाद बढ़ी चुनौती…

आबादी में हमेशा नंबर एक पायदान पर विराजे चीन को अब हमने पीछे छोड़ दिया है। सैन्य क्षमता और अर्थव्यवस्था में नंबर एक बनने की चुनौती अब सामने आकर खड़ी हो गई है। चीन और भारत करीब एक ही समय आजाद हुए थे। उसके बाद साम्यवादी देश चीन ने आबादी में दूसरे पायदान पर बैठे भारत को कोसों मील पीछे छोड़ दिया था। यह बहस बनती है तो फिर कांग्रेस और भाजपा शासन और नेतृत्व पर आकर टिकने लगती है।‌ हालांकि बहस का मुद्दा यह है भी और माना जाए तो नहीं भी। बहरहाल अब सबसे बड़ी चुनौती यही है कि तेजी से दौड़ती भारतीय अर्थव्यवस्था कब भारत को दूसरी बड़ी खुशखबरी देगी कि चीन को अब अर्थव्यवस्था में भी पीछे छोड़ दिया है। और उससे भी अहम यह कि सैन्य क्षमता के मामले में भारत चीन के सामने ताल ठोक कब पटखनी देने का खौफ पैदा कर पाएगा।
तो सबसे पहले बात नंबर वन बनने की।दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश अब चीन नहीं है। इस साल की शुरूआत में ही ग्लोबल एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया था कि 2023 में सबसे ज्यादा जनसंख्या भारत में होगी और अब इस पर संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष यानी यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड ने भी मुहर लगा दी है कि भारत दुनिया सर्वाधिक आबादी वाला देश है। यूएनएफपीए की ‘द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2023’ को ‘8 बिलियन लाइव्स, इनफिनिट पॉसिबिलिटीज: द केस फॉर राइट्स एंड चॉइस’ के टाइटल से जारी किया गया है। इसके अनुसार अब भारत की जनसंख्या चीन से अधिक हो गई है। भारत की जनसंख्या 1,428.6 मिलियन हो चुकी है। आंकड़ों के मुताबिक चीन की जनसंख्या फिलहाल 1,425.7 मिलियन है। अगर तुलना करें तो दोनों देशों की जनसंख्या में 2.9 मिलियन का अंतर हो गया है।
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अब बात करें अर्थव्यवस्था की। भारत के 2029 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है। यह अनुमान सुखद है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से आगे बढ़ती रहेगी। 1990 में चीनी अर्थव्यवस्था भारत की तुलना में थोड़ी ही बड़ी थी। आज चीन की जीडीपी भारत से 5.46 गुना बड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2047 तक 20 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा बशर्ते कि अगले 25 वर्षों में वार्षिक औसत वृद्धि 7-7.5 प्रतिशत हो। चुनौती कठिन है। पर भारत के लिए सब कुछ मुमकिन है।
बात अब सैन्य चुनौती की। तो चीन, अमेरिका के बाद डिफेंस पर दूसरा सबसे बड़ा खर्च करने वाला देश है, जिसका 2023 का रक्षा बजट कुल 816 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। भारत की तुलना में चीन का रक्षा बजट तीन गुना अधिक रहा है। वहीं भारत का रक्षा बजट 2023-24 के लिए  5.94 लाख करोड़ रुपये (लगभग 72.6 बिलियन अमरीकी डालर) था। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी में कुल 20 लाख सैनिक शामिल है। ये दुनिया की सबसे बड़ी आर्मी है। ये देश आर्मी में लगातार आधुनिक तकनीक विकसित करता जा रहा है। हालांकि भारतीय सेना भी तकनीकी के मामले में अब तेजी से समृद्ध हो रही है और लगता है कि जल्दी ही भारत सैन्य मामलों में भी चीन की बराबरी करने को आतुर है। हालांकि चुनौती बड़ी है।
भारत आबादी में नंबर वन बनने के साथ ही हर क्षेत्र में नंबर वन बनने की क्षमता रखता है। चाहे अर्थव्यवस्था की बात हो या सैन्य क्षमता की। वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्व का नेतृत्व हर क्षेत्र में करेगा। इक्कीसवीं सदी भारत की है और हर भारतवासी को हर क्षेत्र में गर्व करने का अवसर देगी, यही विश्वास है। आबादी में नंबर एक के बाद अब चुनौती बढ़ गई है…।
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कौशल किशोर चतुर्वेदी

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के जाने-माने पत्रकार हैं। इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में लंबा अनुभव है। फिलहाल भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र एलएन स्टार में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले एसीएन भारत न्यूज चैनल के स्टेट हेड रहे हैं।

इससे पहले स्वराज एक्सप्रेस (नेशनल चैनल) में विशेष संवाददाता, ईटीवी में संवाददाता,न्यूज 360 में पॉलिटिकल एडीटर, पत्रिका में राजनैतिक संवाददाता, दैनिक भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ, एलएन स्टार में विशेष संवाददाता के बतौर कार्य कर चुके हैं। इनके अलावा भी नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित विभिन्न समाचार पत्रों-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन किया है।