Challenge to Pakistan : रक्षा मंत्री की पाक को चुनौती, पीओके में आतंक के लॉन्चिंग पैड बंद नहीं किए तो …!
New Delhi : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को खुली चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने पीओके में काम कर रहे अपने आतंक के ट्रेनिंग कैंप और लॉन्चिंग पैड बंद नहीं किए तो ….। रक्षा मंत्री ने वाक्य को अधूरा छोड़कर भारत का इरादा स्पष्ट कर दिया। उन्होंने पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) के जरिए पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने साफ कहा कि पीओके में आतंकी लॉन्च पैड है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को जम्मू के अखनूर सीमावर्ती क्षेत्र में 108 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया और एक ऐतिहासिक संग्रहालय का उद्घाटन किया। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के साथ यहां पहुंचे रक्षा मंत्री सिंह का स्वागत उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और वरिष्ठ अधिकारियों ने किया। सिंह ने टांडा आर्टिलरी ब्रिगेड में आयोजित नौवें सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस कार्यक्रम में भाग लिया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पीओके में रह रही अवाम को एक गरिमापूर्ण जीवन से महरूम रखा जा रहा है। उन्हें मजहब के नाम पर हिंदुस्तान के खिलाफ बरगलाने और उकसाने की कोशिश। पाकिस्तान के हुक्मरानों द्वारा की जा रही है। हाल में ही पीओके के अवैध वज़ीरे आज़म ने हिंदुस्तान के खिलाफ जो जहर उगला, वह पाकिस्तान की ही साजिश का हिस्सा है। पीओके के वजीरे आजम अनवारुल हक जो आज कह रहे हैं, वही भारत विरोधी एजेंडा पाकिस्तान के हुक्मरानों ने जनरल जिया उल हख के जमाने से चलाया हुआ है।
उन्होंने कहा कि पीओके की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद का खतरनाक कारोबार चलाने में किया जा रहा है। वहां आज भी आतंकवादियों के लिए ट्रेनिंग कैम्प चल रहे हैं। सीमा से सटे इलाकों में लांच पैड बने हुए हैं। भारत सरकार को सब पता चल रहा है। पाकिस्तान को इनको खत्म करना होगा।
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि अवैध घुसपैठ और आतंकवाद को हवा देने का काम 1965 के जमाने से पाकिस्तान करता आया है। उसकी यही उम्मीद रही है कि जम्मू-कश्मीर में जो मुस्लिम आबादी है, वह पाक फौज के साथ खड़ी होगी। मगर न 1965 में यहां के लोगों ने पाकिस्तान का साथ दिया, न ही आतंकवाद के उस दौर में साथ दिया।
आतंक का दामन नहीं छोड़ रहा पाकिस्तान
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने आज तक आतंकवाद का दामन नहीं छोड़ रहा। आज भी 80 फीसदी से ज्यादा आतंकवादी पाकिस्तान से ही भारत में आते हैं। सीमा पार से जारी आतंकवाद 1965 में ही समाप्त हो गया होता, यदि तत्कालीन सरकार ने जंग के मैदान में मिली कई रणनीतिक फायदों को बातचीत की मेज़ पर रणनीतिक नुकसान में न बदला होता।
उन्होंने कहा कि हमने आतंकवाद ख़त्म करने की शुरुआत जम्मू और कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करके की है।आज यहां हालात काफी हद तक बदले हैं। जम्मू-कश्मीर बिना पीओके के अधूरा है। यह भारत के माथे का मुकुट मणि है। वैसे भी पीओके पाकिस्तान के लिए एक विदेशी क्षेत्र से अधिक कुछ नहीं है।