आईएएस की दरियादिली, ड्यूटी के दौरान अपने ऊपर जानलेवा हमला करने वालों को भी बक्श दिया, महिला के पैर छूकर कराया शांत
भिंड के लहार में सार्वजनिक जमीन पर लगाई गई अवैध मूर्ति को हटाने गए आईएएस, लहार एसडीएम केवी विवेक के ऊपर उपद्रवियों ने ना केवल पत्थर बरसाए बल्कि उनके चारों तरफ आग लगाकर डराने का प्रयास भी किया गया। यही नहीं उपद्रवियों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को डराने के लिए झोपड़ी तक में आग लगा दी गई। एसडीएम एसडीओपी को पुलिस बल भेजने के लिए कॉल भी लगाते रहे, काफी देर बाद पुलिस बल पहुंचा। ऐसे में पुलिस की लापरवाही बताई जा रही है। लेकिन लापरवाही एसडीएम की भी है जो पूर्व में मूर्ति हटाने के दौरान हुए उपद्रवों से शिक्षा लिए बिना पुलिस बल के बिना ही मूर्ति हटवाने पहुंच गए।
लेकिन इतना सब बवाल होने के बावजूद भी एसडीएम महोदय डरे नहीं और वह लोगों को लगातार समझाने की कोशिश करते रहे। जब बाद में उन्होंने लोगों से कहा कि आपने जो कृत्य किया है उसके आधार पर आप लोगों के ऊपर मामला दर्ज हो सकता है। बस फिर क्या था एफ आई आर के डर से लोग पीछे हट गए और प्रशासन ने अपने काम को अंजाम दिया।
लेकिन ऐसा शायद पहली बार ही हुआ है जब इतना बड़ा उपद्रव होने के बावजूद भी उपद्रवियों पर एफ आई आर नहीं की गई।एफआईआर ना करवाये जाने को लेकर एसडीएम का कहना है कि जो वर्ग विशेष पथराव और आगजनी कर रहा था वह पहले से ही शोषित है और शिक्षा के अभाव में उन्होंने इस प्रकार के कृत्य को किया है। ऐसे में उनके ऊपर एफआईआर करके कुछ हासिल नहीं होता। जब समझाइश देने पर मामला सुलझ गया तो फिर एफआईआर क्यों करना।
लेकिन मामले में कुछ लोगों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों पर इस प्रकार से जानलेवा हमला करने वाले लोगों को ऐसे ही छोड़ देने से लोग इस प्रकार के कृत्य और अधिक करेंगे। क्योंकि उन्हें लगेगा कि उनके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं होती।
अपनों की पोस्टिंग कराने में जुटे कांग्रेसी, यह नेता दिला रहे अपने कई लोगों को पद
कमलनाथ की भिंड में आयोजित जन आक्रोश सभा में भिंड कांग्रेस के बड़े नेता भले ही अग्रिम पंक्ति में एक साथ बैठे नजर आए, लेकिन उनमें आपसी खींचतान अभी भी खत्म नहीं हुई। खास तौर पर हेमंत कटारे और डॉक्टर गोविंद सिंह के बीच मतभेद के जो बीज बोए हुए हैं उनकी जड़ें इतनी गहरी हैं की यह नेता शायद ही आपस में एक हो पाएं।
और इसका खामियाजा आगामी चुनावों में कांग्रेस को फिर से उठाना पड़ सकता है। हाल ही में पूर्व विधायक हेमंत कटारे द्वारा कई नियुक्तियां करवाई गई और उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया हैंडल से इनको शेयर करते हुए पदाधिकारियों को बधाई दी। जबकि दूसरे खेमे के नेताओं का उस पर कोई कमेंट ही नहीं आया। ऐसे में कांग्रेस की गुटबाजी का तो ईश्वर ही मालिक है।
जिसका डर था वही हुआ, गहमागहमी के बाद ठंडा पड़ गया अतिक्रमण विरोधी अभियान
भिण्ड में अतिक्रमण हटाने को लेकर कई बार प्रशासनिक अधिकारियों ने मुहिम चलाई। लेकिन हर बार किसी ना किसी कारण से यह मुहिम ठंडे बस्ते में चली जाती है। सालों की कोर्ट की लड़ाई के बाद बमुश्किल बजरिया की सड़क को चौड़ी किया जा सका। लेकिन सदर बाजार से भी अस्थाई और स्थायी अतिक्रमण हटाने की मांग के बाद कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने खुद इसकी मुहिम संभाली और अमले के साथ मैदान में उतर पड़े। अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान व्यापारी उसके विरोध में उतर आए और प्रशासन की मुखालफत करने लगे। इस दौरान कलेक्टर की एक व्यापारी से जमकर बहस भी हुई और कलेक्टर ने यहां तक कह दिया कि मुझे गोली मार दो।
इसके बाद फिर क्या था जिसका अंदेशा था वही हुआ, राजनीति चालू हो गई और अतिक्रमण विरोधी अभियान ठंडे बस्ते में चला गया। हालांकि कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों का कहना है कि कागजों की जांच के बाद अभियान को गति दी जाएगी। अब देखने वाली बात होगी कि अतिक्रमण हटता है या फिर राजनीतिक दबाव में अधिकारी!
एक सप्ताह में दो नवजातों के शव मिलने से मची सनसनी, कहीं अवैध रूप से अबॉर्शन तो नहीं हो रहे!
भिंड शहर के हृदय में स्थित गौरी सरोवर में बीते 1 सप्ताह में 2 नवजातों के शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। एक शव को तो कुत्तों द्वारा बुरी तरह से नोंच दिया गया था। पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम करा कर जांच प्रारंभ कर दी है। अब सवाल उठने लगे हैं कहीं एक बार फिर से तो अवैध रूप से अबॉर्शन कराने का कारोबार फलने फूलने तो नहीं लगा है? अगर ऐसा हुआ तो एक बार फिर से कोख में बेटियों की मौत के मामले सामने आ सकते हैं। मामले में पुलिस को गहन जांच कर शहर में इस प्रकार का कार्य करने वालों को बेनकाब करना ही होगा ताकि गर्भ में बेटियां को बचाया जा सके।
जिला पंचायत भवन के बाहर दीवार किनारे खड़े होकर प्रभारी मंत्री, कलेक्टर और एसपी के बीच हुई क्या बातचीत?
हाल ही में भिंड जिले के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत जिले के एक दिवसीय दौरे पर आए। यहां पर उन्होंने जिला योजना समिति के बैठक लेने के साथ ही पत्रकारों से भी चर्चा की, जिसमें उन्होंने शासन की तमाम योजनाओं के बारे में बताया। लेकिन जब पत्रकारों द्वारा जिले की व्यवस्थाओं को लेकर एक के बाद एक तीखे सवाल दागे गए तो प्रभारी मंत्री उनका सामना नहीं कर पाए और जल्दी ही पत्रकार वार्ता समाप्त कर दी।
भिंड जिला डीटीओ दफ्तर में कर्मचारियों द्वारा रिश्वत लेने का वीडियो तक प्रभारी मंत्री को दिखाया गया, जिसके बाद उन्होंने इस पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया। वहीं डीटीओ द्वारा बरती जा रही मनमानी के खिलाफ भी जमकर शिकायत हुई। जिसके बाद हॉल से बाहर निकल कर प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर और एसपी को एक तरफ बुलाकर एकांत में खड़े होकर उनसे गहन चर्चा की। अब चर्चा क्या हुई यह तो वही जानें। लेकिन क्या प्रभारी मंत्री मीडिया द्वारा उठाए गए सवालों पर संज्ञान लेंगे? यह बड़ा सवाल बना हुआ है, क्योंकि अभी तक डीटीओ के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई।