चंद्रयान-3 की लांचिग कल (14 जुलाई) होगी, लैंडिंग का मुहूर्त 23-24 अगस्त को
संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की रपट
नर्मदापुरम। कल (14 जुलाई) को दोपहर 2 बजकर 35 मिनिट पर भारत की चंद्रयात्रा आरंभ होने जा रही है जो 23 या 24 अगस्त श्रावण शुक्ल सप्तमी तिथि को चंद्रमा पर कदम रखने के साथ विराम लेगी। यह दिन एवं समय भी किसी मुहूर्त निकालने के समान है। इस बारे में नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मीडियावाला को एक मॉडल की मदद से आज पूरी जानकारी दी।
सारिका ने बताया कि इस विज्ञान यात्रा का मुहूर्त इस आधार पर तय किया गया है कि चंद्रमा के लैंडिंग वाले स्थान पर सूर्योदय कब होगा। लैंडर की चांद की सतह पर लैंडिंग के लिये जरूरी है कि वहां सूरज निकला हो।
वह सूर्य ऊर्जा से काम करता है। चंद्रमा पर पृथ्वी के लगभग 14 दिन तक सूरज निकलता है। लैंडर और रोवर चंद्रमा के एक दिन जो कि पृथ्वी के लगभग 14 दिन के बराबर होते हैं,तक संचालित करने के लिये डिजाईन किया गया है।
सारिका ने बताया कि जब यह प्रक्षेपित किया जायेगा तब चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी 3 लाख 94 हजार किमी से कुछ अधिक होगी। वहीं जब यह चंद्रमा पर लैंड करेगा तब चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 3 लाख 82 हजार 840 किमी दूर होगा।
इस मिशन के सबसे प्रमुख उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रव के पास ऊंचे इलाके पर सॉफ्टलैंडिंग करना इसके अलावा रोवर को चंद्रमा की सतह पर चलते हुये वैज्ञानिक प्रयोगों को करने की भारत की क्षमता को प्रदर्शित करना है।
सारिका ने बताया कि लैंडर एवं रोवर में लगे वैज्ञानिक उपकरण स्थानीय सतह की मौलिक संरचना का अध्ययन, गैस और प्लाज्मा पर्यावरण का अध्ययन एवं सतह के तापीय गुणों एवं लैंडिंग स्थल के आसपास भूकंपीयता का मापन करेंगे।