Changes in Registry Process : संपत्ति की रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए प्रदेश में नए नियम लागू होंगे!

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Changes in Registry Process : संपत्ति की रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए प्रदेश में नए नियम लागू होंगे!

मुख्यमंत्री 10 अक्टूबर को ‘सम्पदा 2.0’ का शुभारंभ करेंगे, ई-साइन एवं डिजिटल हस्ताक्षर से दस्तावेज तैयार होंगे!

Bhopal : वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवडा ने बताया कि संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की दिशा में राज्य शासन एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। प्रदेश में रजिस्ट्री के नए नियम लागू किए गए है। इस उन्नत सॉफ्टवेयर का पायलेट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन गुना, हरदा, डिंडौरी और रतलाम जिलों में सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया है। आगामी गुरूवार 10 अक्टूबर को इसे प्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के सम्पदा 2.0 सॉफ्टवेयर का शुभारंभ करेंगे। कुशाभाऊ ठाकरे इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में दोपहर एक बजे यह कार्यक्रम होगा।

सम्पदा 2.0 से ई-केवाइसी से पहचान

सम्पदा 2.0 से ई-केवाइसी से पहचान होगी। इसकी विशेषताओं में संपत्ति की जीआईएस मैपिंग, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों का स्वतः प्ररूपण शामिल है। इस प्रणाली में दस्तावेजों का निष्पादन ई-साइन और डिजिटल सिग्नेचर से किया जाएगा, जिससे गवाह लाने की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। कुछ दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए अब उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी। पंजीयन अधिकारी से संवाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा, और कई मामलों में किसी भी प्रकार के इंटरेक्शन की आवश्यकता नहीं होगी। व्यक्ति की पहचान के लिए वीडियो केवाईसी का प्रावधान भी रखा गया है।

ई-साइन एवं डिजिटल हस्ताक्षर से दस्तावेज का निष्पादन

पंजीयन के लिये ई-साइन एंव डिजिटल हस्ताक्षर से दस्तावेज का निष्पादन होगा। दस्तावेजों की ई-कॉपी डिजी लॉकर, व्हाट्सएप, और ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध होगी। साथ ही ई-स्टाम्प सृजित करने की सुविधा भी होगी। संपत्ति की सर्च प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया गया है।

सम्पदा 2.0 विशेष मोबाइल एप

सम्प‍दा 2.0 विशेष मोबाइल एप भी लॉन्च किया जा चुका है। यह नवाचार न केवल आम जनता के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि मध्यप्रदेश को ई-गवर्नेंस की दिशा में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा। यह पहल साइबर तहसील और डिजिटल प्रक्रियाओं से प्रदेश के राजस्व संग्रहण को भी सुचारू रूप से संचालित करेगी।