चैपल ने कहा- मेरे समय का सबसे संपूर्ण भारतीय बल्लेबाज

पाकिस्तान के खिलाफ विराट की पारी 'ईश्वर का गीत'

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चैपल ने कहा- मेरे समय का सबसे संपूर्ण भारतीय बल्लेबाज

मेलबोर्न
विराट कोहली अपने पुराने अवतार में लौट चुके हैं। वह लगातार बड़ी पारियां खेल रहे हैं और खेलने का अंदाज, वही पुराना, क्लासिक! 33 साल के विराट एकबार फिर से मैदान के चारों ओर तमाम वैसे शॉट खेल रहे हैं जो क्रिकेट के बाइबिल में लिखा है, बल्कि इसमें उन्होंने कुछ इजाफा भी किया है, शायद।
पाकिस्तान के खिलाफ मैच के आखिरी पलों में उन्होंने पिच की गहराई से बिना पैर हिलाए जिस तरह से स्ट्रेट में साइट स्क्रीन के पार छक्का लगाया वह अनोखा था, क्रिकेट के बाइबिल में एक नया चैप्टर जोड़ने लायक। यही वजह है कि पूर्व भारतीय कप्तान की लाजवाब पारी से ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज और पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल खासे प्रभावित हो गए उन्होंने कोहली को अपने समय का सबसे संपूर्ण भारतीय बल्लेबाज करार दिया।

चैपल ने ऑस्ट्रेलिया के अखबार सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में अपने कॉलम में लिखा, ‘‘कोहली मेरे समय के सबसे संपूर्ण भारतीय बल्लेबाज हैं। केवल महानतम चैंपियनों के पास अपनी कल्पना को अनंत तक ले जाने का साहस और बुद्धिमत्ता होती है। कोहली के पास वह है। इस मामले में शायद सिर्फ टाइगर पटौदी ही उनके करीब नजर आते हैं।’’
चैपल ने आगे लिखा, ‘‘कोहली ने एक ऐसी पारी खेली जो ‘ईश्वर के गीत’ के करीब थी जैसी टी20 क्रिकेट में कभी नहीं खेली गई। ऊन के नए छल्ले के साथ खेलने वाली बिल्ली की तरह कोहली ने पहले उन्हें परेशान किया और फिर पाकिस्तानी गेंदबाजी आक्रमण को बिखेर कर दिया।’’
कोहली की पारी ने टी20 को बनाया वैध- चैपल
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ने आगे कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ कोहली की पारी ने टी20 क्रिकेट को भी लीगल बना दिया। अब खेल के इस फॉर्मेट को सिर्फ मनोरंजन का नाम बताकर खारिज नहीं किया जा सकता। ग्रेग चैपल ने विराट कोहली की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए कहा, ‘‘ यह ऐसी पारी थी जिसमें बल्लेबाजी की कला भी देखने को मिली। मैंने जितनी क्रिकेट देखी है ऐसा कोई नहीं कर पाया।’’
तेंदुलकर-कोहली की तुलना पर लगेगा विराम?
चैपल के जीवनकाल में, सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर जैसे बल्लेबाज अपना जौहर दिखा चुके हैं। तेंदुलकर को तो ‘क्रिकेट का भगवान’ माना जाता है। लंबे वक्त से सचिन और विराट की तुलना भी की जाती रही है। लेकिन ग्रेग चैपल ने अपनी राय जाहिर करके इस तुलना को कुछ हद तक विराम देने की कोशिश की है। उन्होंने कोहली को तेंदुलकर-गावस्कर की रेस से अलग एक अलग लीग में बताया है जहां वह उस सबसे ऊपर एक नई ऊंचाई पर खड़े हैं।