Char Dham Yatra : 4 धाम यात्रा के लिए भारी भीड़, 11 श्रद्धालुओं की मौत, क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार!

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Char Dham Yatra : 4 धाम यात्रा के लिए भारी भीड़, 11 श्रद्धालुओं की मौत, क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार!

हादसे के 11 साल बाद भी यात्रियों के प्रवेश को लेकर उत्तराखंड प्रशासन लाचार

उत्तराखंड में केदारनाथ हादसे के लगभग 11 वर्ष बाद भी स्थितियां सुधरने का नाम नहीं ले रही है। चार धाम यात्रा मार्ग पर लंबे-लंबे जाम लगे और यात्री परेशान हो रहे है। यह तब की स्थिति है, जब मौसम साफ है और यह बात जगजाहिर है कि उत्तराखंड में मौसम कभी भी बदल जाता है। खासतौर पर ऊपर के क्षेत्र में मौसम लगातार बदलता ही रहता है। ऐसे में अगर एक या दो दिन बारिश हो गई तब लैंडस्लाइड का भी खतरा होगा। ऐसे में हजारों यात्री क्या करेंगे, इस बारे में किसी को कोई भी पता नहीं है। यात्रा 10 मई से शुरू हो चुकी है और इतनी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं कि पुलिस को उन्हें बीच रास्ते में रोकना पड़ रहा।

भीड़ के कई वीडियो वायरल

यमुनोत्री धाम पर बेतहाशा भीड़ के कई वीडियो वायरल हुए। केदारनाथ धाम, गंगोत्री और बद्रीनाथ धाम की भीड़ के विडियो भी सामने आए। इसके बाद जब राष्ट्रीय स्तर पर चार धाम की भीड़ की बातें होने लगी, तब स्थानीय प्रशासन जागा और आ-न फानन में हेल्पलाईन नंबर जारी किए गए। श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। वृद्ध श्रद्धालुओं की मौत हो रही है। अब तक 10 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई। वैसे, पुलिस ने कई जगह गेट सिस्टम लगा दिया और गाड़ियों को वनवे करके भेजा जा रहा है। जिन-जिन जगहों पर गेट लगाए गए हैं, वहां यात्रियों के लिए खाने-पीने की प्रशासन ने निशुल्क व्यवस्था भी की है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम पर 1 लाख 7 हजार 536 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। जिनमें यमुनोत्री धाम में 59 हजार और गंगोत्री धाम में 48 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

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इसके अलावा बद्रीनाथ धाम में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। बद्रीनाथ धाम में वीआईपी दर्शन को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया। चारधाम यात्रा के लिए अभी तक 26 लाख 73 हजार लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। वहीं चारों धाम का मिलाकर कुल 2 लाख 76 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। केदारनाथ धाम पर 1 लाख 26 हजार, बद्रीनाथ धाम पर 39 हजार श्रद्धालु, गंगोत्री धाम पर 48 हजार और यमुनोत्री धाम पर 59 हजार श्रद्धालु अब तक दर्शन कर चुके हैं।

खाने का सामान और दवाईयां जरुर ले जाएं

चार धाम यात्रा के दौरान जिस तरह से भीड़ बढ़ती जा रही है उससे यह साफ है कि अगले 15-20 दिनों तक भीड़ इसी तरह से रहने वाली है। अगर आप भी यात्रा का रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, तब अपने साथ खाने का सामान जरूर ले जाएं। इसके अलावा दवाइयां अतिरिक्त ले जाएं। उत्तराखंड में पता नहीं कब लैंडस्लाइड हो जाए। ऐसे में कई दिनों तक आवागमन ठप हो जाता है। ऐसे में स्थानीय लोग मदद जरुर करते हैं, पर उनके पास भी सीमित साधन होते है और खासतौर पर दवाईयों के लिए काफी मशक्कत करना पड़ती है।

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इसके अलावा कई बार मोबाईल नेटवर्क भी नहीं चलते, जिस कारण बातचीत भी नहीं हो पाती है। अपने फोन में सभी इमरजेंसी नंबर जरुर रखें ताकि आपदा के समय उनका प्रयोग कर सके। अगर आपके साथ वृद्ध हैं, तब आपको विशेष रुप से सतर्क रहने की जरुरत है। आप हरिद्वार से या ऋषिकेश से यात्रा मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं, तो पहले ऊपर से आने वाले यात्रियों और बस या गाड़ी के ड्रायवरों से जानकारी लें, उसके बाद ही यात्रा आरंभ करे।

सुरक्षित यात्रा के लिए क्या करना होगा

– वर्तमान में थोड़े दिनों के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश आदि से चार धाम के लिए आगे जाने के लिए रोक लगाना चाहिए।
– जो यात्री बीच मार्ग पर हैं, उनकी यात्रा व्यवस्थित तरीके से पूरी हो यह कोशिश की जाए।
– वीआईपी कल्चर को बिल्कुल ख़त्म करना होगा।
– सीमित संख्या में गाड़ियों को जाने दिया जाए।
– जिसके पास होटल, धर्मशाला की बुकिंग हो उन्हें ही जाने दिया जाए।
– प्रतिदिन दर्शन की संख्या भी निर्धारित हो। क्योंकि, चारों ही जगहों पर निजी और सरकारी संसाधन बेहद कम है।
– जिस प्रकार से यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है, उसके अनुसार इस बार 80 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्री पहुंचने का अनुमान है। इतनी भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों के लिए चारों ही जगह पर व्यवस्था नहीं है। इससे वहां के स्थानीय इकोसिस्टम पर भी प्रभाव पड़ेगा।
– हेलीकॉप्टर की ज्यादा संख्या भी खासतौर पर केदार घाटी में समस्या पैदा कर सकती है।
– चार धाम के यात्रियों से स्थानीय व्यापारी बहुत ज्यादा पैसा न लें, इस पर नियंत्रण के लिए कोई सिस्टम नहीं है।
– केदारनाथ में ही एक दिन का रहने का किराया हजारों में जा रहा है। इस पर भी नियंत्रण की जरूरत है।

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बिना जानकारी के न जाएं

चार धाम यात्रा के साथ अधिकांश युवा साथी केदारनाथ,गंगोत्री और बद्रीनाथ में आसपास बिना जानकारी के ट्रेकिंग पर निकल जाते है जिसके कारण कई बार वे जानकारी के अभाव में दुर्घटना के शिकार हो जाते है। चार धाम की यात्रा पर जाने से पहले पर्याप्त जानकारी जुटा ले और अपने पास अतिरिक्त खाने का सामान जरूर रखें। इसके अलावा ट्रेकिंग पर बिना गाइड के न जाए।