Charge For Crowd Bringing: ‘अंबेडकर महाकुंभ’ में भीड़ लाने के लिए 6.18 करोड़ मांगे!
Gwalior : सरकारी आयोजनों में भीड़ किस तरह आती है या लाई जाती है, इस बात के सिर्फ कयास ही लगाए जाते रहे हैं। लेकिन, परिवहन आयुक्त के एक शासकीय पत्र ने इस बात का खुलासा कर दिया कि लोग अपनी मर्जी से नहीं आते, बल्कि बसों में ढोकर लाए जाते हैं। परिवहन आयुक्त के प्रमुख सचिव (अनुसूचित जाति कल्याण विभाग) को लिखे 6 अप्रैल के पत्र में ग्वालियर में होने वाले अंबेडकर महाकुंभ के आयोजन के लिए 6 करोड़ 18 लाख रूपए मांगे गए हैं। राज्यपाल के मुख्य आतिथ्य में होने वाले कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए इस पत्र में अभी 80 फीसदी राशि (4.94 करोड़ रुपए) अग्रिम के रूप में मांगे गए हैं।
इस चुनावी साल में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां एससी-एसटी वर्ग को साधने के लिए पूरी ताकत के साथ लगी है। शिवराज सरकार 16 अप्रैल को ग्वालियर में अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन करने वाली है। इस आयोजन के मुख्य अतिथि राज्यपाल मंगू भाई पटेल होंगे।
इस आयोजन के लिए ग्वालियर क्षेत्र के 8 जिलों से एक लाख की भीड़ जुटाने का काम तो भाजपा कार्यकर्ता करेंगे, पर उन्हें ग्वालियर तक लाने का काम निजी बसों से ही करना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी परिवहन विभाग को सौंपी गई है। इसी के लिए परिवहन आयुक्त ने 80 फीसदी एडवांस राशि मांगी है।
परिवहन आयुक्त ने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को अनुमानित किराए का 80% यानी 4.94 करोड़ रुपए आवंटित करने का पत्र लिखा है। अनुमान लगाया गया है भाजपा के इस कार्यक्रम में 6 करोड़ 20 लाख रुपए का खर्च आएगा। सरकार 2500 बसें किराए पर लेंगी। बसों की व्यवस्था करने के लिए 80% यानी 4.94 करोड़ रुपए आवंटित करने पत्र लिखा है।