Cheating the Common People: EOW द्वारा स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एवं जयपुर शाखा उज्जैन के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध, 32 लाख रूपये का लोन NPA हुआ

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EOW Action

Cheating the Common People: EOW द्वारा स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एवं जयपुर शाखा उज्जैन के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध, 32 लाख रूपये का लोन NPA हुआ

उज्जैन: Cheating the Common People: EOW द्वारा स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एवं जयपुर शाखा उज्जैन के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

इस संबंध में बताया गया है कि आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ मुख्यालय भोपाल में प्राप्‍त शिकायत के सत्यापन पर पाया गया कि बैंक के ऋण धारक विजय जैन पिता कैलाश चन्द्र जैन, निवासी 308 बागडिया टॉवर, नजरअली मार्ग, उज्जैन एवं अन्य के द्वारा बैंक में गिरवी रखे भवन को अवैधानिक रूप से तोड़कर व उसका स्वरूप बदलकर, स्वयं को सदोष लाभ पहुंचाने के लिए संपत्ति आम लोगों को विक्रय कर दी गई। इस प्रकार आरोपी विजय जैन द्वारा बैंक तथा आम लोगों के साथ धोखाधड़ी कर सदोष हानि पहुंचाने का आरोप प्रमाणित पाये जाने पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया।

आरोपी

विजय जैन पिता कैलाश चन्द्र जैन, निवासी 308 बागड़िया टॉवर, नजर अली मार्ग, उज्जैन व अन्य

अपराध

आरोपी विजय जैन पिता कैलाश चन्द्र जैन निवासी 308 बागडिया टॉवर, नजरअली मार्ग उज्जैन के द्वारा मुनिनगर उज्जैन स्थित म.प्र. गृह निर्माण मण्डल के कर्मचारियों के लिए निर्मित भवन क्रमांक एचबी 07 व 09 को क्रमशः वर्ष 2011 व 2012 में क्रय किया गया।

भवन क्र0 एचबी 07 को क्रय करने हेतु विजय जैन द्वारा 15 लाख रूपये का होम लोन स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एवं जयपुर शाखा उज्जैन से लिया गया। उक्त बैंक बाद में भारतीय स्टेट बैंक में विलय हो गई थी तथा विजय जैन का ऋण खाता भी भारतीय स्टेट बैंक, फ्रीगंज उज्जैन में स्थानांतरित हो गया।

उक्त दोनों भवन म.प्र. गृह निर्माण मण्डल द्वारा किराया पद्धति पर मण्डल कर्मचारियों को दिए गए थे जिनको आरोपी विजय जैन द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से बिना मण्डल की अनुमति के तोड दिया गया व उन पर बिना वैधानिक अनुमति प्राप्त किए बहुमंजिला फ्लेट का निर्माण कर लिया गया।

आरोपी विजय जैन द्वारा उक्त संपत्ति बैंक में बंधक होने के बाद भी बिना अनुमति के निर्मित इन 08 फ्लेट का विक्रय आम लोगों को कर दिया। विक्रय हेतु आरोपी विजय जैन के द्वारा रजिस्ट्रीयों में यह गलत लेख किया कि उक्त संपत्ति कहीं भी बंधक नहीं है। इस तरह आरोपी विजय जैन द्वारा बेईमानी पूर्वक धोखाधडी कर बंधक संपत्ति पर बिना वैधानिक अनुमति प्राप्त किए बहुमंजिला फ्लेटस का निर्माण कर सदोष लाभ प्राप्त करने, आम लोगों को बेईमानी व कपटपूर्वक उक्त फ्लेटस को बंधकहीन एव भार रहित बताकर बैंक से प्राप्त ऋण को न चुकाते हुए रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के द्वारा 08 व्यक्तियों को फ्लेटस का विक्रय कर बैंक के साथ सदोष हानि कर धोखाधडी की गयी।

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई उज्जैन द्वारा शिकायत में लगाए गए उपरोक्त आरोप सत्यापन के दौरान सही पाए जाने पर विजय जैन पिता कैलाश चन्द्र जैन, निवासी 308 बागड़िया टॉवर, नजर अली मार्ग, उज्जैन व अन्य के विरूद्ध धारा 420 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। उक्त अपराध में बैंक या अन्य व्यक्तियों की आपराधिक संलिप्पता विवेचना में पायी जाने पर उनके विरूद्ध भी कार्यवाही की जावेगी।