Cheque Bounce Case: मंत्री दोषी करार,कोर्ट ने लगाया 7 करोड़ का जुर्माना, जुर्माना नहीं भरा तो 6 माह की सजा

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Cheque Bounce Case: मंत्री दोषी करार,कोर्ट ने लगाया 7 करोड़ का जुर्माना,
जुर्माना नहीं भरा तो 6 माह की सजा

बैंगलोर:कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार को बड़ा झटका लगा है. एक कोर्ट ने राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री को चेक बाउंस मामले में दोषी ठहराया है. एमपी-एमएलए से जुड़े मामलों की स्पेशल कोर्ट ने मंत्री मधु बंगारप्पा को दोषी करार देते हुए शिकायतकर्ता (राजेश एक्सपोर्ट्स) को 6.96 करोड़ रुपये की जुर्माना राशि देने का आदेश सुनाया है. साथ ही शेष 10,000 रुपये राज्य सरकार को देने का निर्देश दिया.

कोर्ट के आदेश के बाद अगर मंत्री मधु बंगारप्पा जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 6 महीने के लिए साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है. आकाश ऑडियो-वीडियो प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक के रूप में एसबी मधु चंद्रा (एस मधु बंगारप्पा) मामले में दूसरे आरोपी थे, जबकि आकाश ऑडियो-वीडियो कंपनी मुख्य आरोपी थी.

स्पेशल कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जज प्रीत जे ने हाल के अपने एक फैसले में कहा, “आरोपी नंबर एक और दो को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और इस अपराध के लिए 6,96,70,000 रुपये का जुर्माना भरने की सजा भी सुनाई जाती है. साथ ही जुर्माना नहीं भरे जाने की सूरत में आरोपी नंबर दो को छह महीने के लिए साधारण कारावास की सजा मिलेगी.”

यही नहीं कोर्ट ने अपने फैसले में मामले को लंबा खींचने के लिए प्रदेश के मंत्री के रवैये को लेकर खासी नाराजगी भी जताई. शिकायतकर्ता के अनुसार, आकाश ऑडियो-वीडियो ने राजेश एक्सपोर्ट्स से छह करोड़ रुपये की इंटर-कॉर्पोरेट जमा राशि ली थी. मधु बंगारप्पा की ओर से 6.60 करोड़ रुपये का एक चेक भी जारी किया गया था, लेकिन 27 नवंबर, 2011 को यह चेक बाउंस हो गया.

चेक के बाउंस होने के बाद राजेश एक्सपोर्ट्स ने चेक राशि के फिर से भुगतान कराए जाने और मुआवजे की मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन केस को पिछले साल 2022 में स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया.

कांग्रेस के कद्दावर नेता मधु बंगारप्पा ने केस को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन किए गए वादे के मुताबिक पूरा भुगतान नहीं करने को लेकर 2022 में उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी. जब याचिका हाई कोर्ट में थी तब आरोपी की ओर से 50 लाख रुपये का आंशिक भुगतान किया जा चुका था.उन्होंने 26 दिसंबर को स्पेशल कोर्ट के समक्ष फिर से शेष 6.10 करोड़ रुपये का पूरा भुगतान 30 जनवरी, 2024 तक या उससे पहले करने को लेकर पत्र भी दायर किया.