Cheetah Project Successful: कान्हा से कूनों में 1000 चीतल होंगे शिफ्ट, शासन ने दी अनुमति

398

Cheetah Project Successful: कान्हा से कूनों में 1000 चीतल होंगे शिफ्ट, शासन ने दी अनुमति

भोपाल। कूनो नेशनल पार्क में चीता प्राजेक्ट अब पूरी तरह से सफल हो गया है। चीता के कूनबों को बढ़ाने के लिए चीता के रख- रखाव और उनके शिकार के लिए वन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। 9 मार्च को वन विभाग ने कान्हा नेशनल पार्क से एक हजार चीतल शिफ्ट करने के लिए शासन से अनुमति मांगी थी। शासन ने विभाग के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। शासन ने अपने आदेश में कहा है कि चीतलों को शिफ्ट करने से पहले वन्य प्राणी शाखा सभी चीतलों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगा और बेहतर स्वास्थ्य होने पर चीतलों को कूनों में शिफ्ट किया जाएगा। शासन द्वारा मंजूरी मिलने पर वन्य प्राणी शाखा ने कान्हा नेशनल पार्क प्रबंधन को एक हजार चीतलों का स्वास्थ्य परीक्षण करने का आदेश दिया है। प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पशु विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा चीतलों के स्वास्थ्य के परीक्षण की कार्रवाई एक – दो रोज में शुरू हो जाएगी। सभी चीतलों को सुरक्षा कर्मियों के साथ कूनो में छोड़ा जाएगा। गौरतलब है कि मुखी चीता के एक वर्ष पूरा करने के बाद वन विभाग चीता को लेकर पहले से ज्यदा सक्रिय हो गया है। चीता मित्रोें को भी कूनो नेशनल पार्क के प्रबंधन के अधिकारी लगातार प्रशिक्षण दे रहे है। जिससे चीता मित्र ग्रामीणों को इस बात की जानकारी दे सके कि चीता हिंसक प्राणी नहीं होता है। गौरतलब है कि पवन चीता कूनो से दो बार बाहर निकल चुका है। वन्य प्राणी शाखा के अधिकारियों ने बताया कि चीता का कूनबा जैसे- जैसे बढ़ेगा उनकी गतिविधियां भी बढ़ेगी। इस लिहाज से विभाग चीता मित्रों को लगातार जागरूक कर रहा है। वर्ष 2024 कूनों के लिए शुभंकर वर्ष साबित हुआ है। वर्ष के शुरूवात में कूनों में दस शावक पैदा हो चुके हैं। गौरतलब है कि 17 सितंबर को नामीबिया से 8 चीते कूनो में शिफ्ट किए गए थे। 18 फरवरी को 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे। कूनो में अब तक 7 चीतों को मौत हो चुकी हैं। मौजूदा समय में कूनों में 14 शावक है और 13 वयस्क चीते हैं।

 *दूसरा प्रोजेक्ट तैयार-* 

चीतो का दूसरा घर गांधी सागर अभ्यारण्य पूरी तरह से तैयार हो चुका है। वन्य प्राणी शाखा यहां पर भी चीतल को शिफ्ट करने का प्रयास कर रहा है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गांधी सागर अभ्यारण्य चीता के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया है। थोड़ा बहुत काम बचा है उसे भी समय रहते हुए पूरा कर लिया जाएगा। आचार संहिता के चलते दूसरे प्रोजेक्ट के शुरू होने में विलंब हो गया है। बरसात के बाद यहां कभी भी चीता को बसाया जा सकता है। चीता प्रोजेक्ट को लेकर सभी निर्णय केंद्र सरकार को लेना है।