Chhattisgarh Liquor Scam:शराब घोटाले में चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा

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Chhattisgarh Liquor Scam:शराब घोटाले में चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (4 अगस्त) को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल को कोयला ‘घोटाला’, शराब ‘घोटाला’, महादेव सट्टेबाजी ऐप, चावल मिलिंग और डीएमएफ ‘घोटाला’ मामलों में अंतरिम राहत के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय जाने को कहा। ये मामले प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और राज्य पुलिस द्वारा दर्ज किए गए हैं।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. शराब घोटाले में गिरफ्तार बेटे चैतन्य बघेल के बचाव के लिए भूपेश बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सोमवार को सु्प्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया. साथ ही हाईकोर्ट जाने की सलाह दी. चैतन्य बघेल की कोर्ट में अगली पेशी अब 18 अगस्त को होगी.

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच के सामने भूपेश बघेल और चैतन्य बघेल ने सीबीआई और ईडी की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी थी. इस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, पीएमएलए कानून पर सवाल तभी क्यों उठते हैं, जब कोई रसूखदार व्यक्ति आरोपी बनता है.
वहीं, ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में 2019 से 2022 के बीच 2100 करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ था, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान पहुंचा. ईडी का दावा है कि चैतन्य बघेल ने घोटाले से एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई का प्रबंधन किया. अपनी रियल एस्टेट परियोजना में 16.7 करोड़ रुपये का निवेश किया.
ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को दुर्ग जिले के भिलाई स्थित घर से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इस मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा, अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और अन्य को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

अप्रैल 2024 में, सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज पहला धन शोधन मामला यह पाते हुए रद्द कर दिया कि इसमें कोई पूर्व-निर्धारित अपराध नहीं था। अगले दिन, ईडी ने जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर एक नया मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज किया।