ITCTA कॉन्क्लेव चंडीगढ़ में छाया मध्य प्रदेश पर्यटन, जीते 2 अवॉर्ड

प्रमोटिंग फेयर्स एण्‍ड फेस्टिवल्‍स ऑफ मध्‍यप्रदेश तथा मेन्‍टेन्‍ड स्‍टेट कॉर्पोरेशन होटल्‍स कैटेगरी में मिले अवॉर्ड

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भोपाल. चंडीगढ़ में आयोजित हुए इंटरनेशनल टूरिज्म कॉन्क्लेव एंड ट्रेवल अवॉर्ड (ITCTA) के 8वें संस्करण में मध्‍य प्रदेश टूरिज्‍म ने राष्ट्रीय स्तर के दो अवॉर्ड जीते। मध्यप्रदेश पर्यटन को अपने फेयर्स फेस्टिवल्‍स को बढ़ावा देने एवं मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम को वेल मेंटेन्‍ड होटल्‍स के लिए अवार्ड से सम्‍मानित किया गया। मध्यप्रदेश पर्यटन की ओर से उप संचालक श्री युवराज पडोले एवं महाप्रबंधक श्री सुरेंद्र प्रताप सिंह ने अवॉर्ड प्राप्त किए। `

अवॉर्ड मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए श्री शिव शेखर शुक्‍ला, प्रमुख सचिव, पर्यटन विभाग, मध्य प्रदेश शासन, एवं प्रबंध संचालक, मध्य प्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड ने कहा- “यह हमारे लिए अत्‍यंत ही हर्ष का विषय है कि मध्य प्रदेश पर्यटन को इस बार भी विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कारों से सम्‍मानित किया गया। इन पुरस्कारों के साथ हम आतिथ्य और सेवाओं के क्षेत्र में उच्च राष्ट्रीय मानकों को स्थापित करेंगे।

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पर्यटन बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों, टूर ऑपरेटरों, गंतव्य प्रबंधन कंपनियों (डीएमसी), हितधारकों की उपस्थिति में इन पुरस्‍कारों से सम्‍मानित होने पर और बेहतर कार्य करने के लिए उत्साहित करता है।”

वहीं मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम ने प्रबन्ध संचालक श्री एस विश्वनाथन ने भी पर्यटन निगम को वेल मेंटेण्ड होटल्स का अवार्ड मिलने पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि अवार्ड मिलने पर खुशी होने के साथ पर्यटकों की सुविधाओं में उत्तरोत्तर विस्तार और वृद्धि करने की प्रेरणा भी मिलती है हम भविष्य में अपने इकाइयों को और ज़्यादा बेहतर और होटल्स को अत्याधुनिक पर्यटक सुविधाओं से युक्त बनाने और नवाचार के प्रयास करेंगे।

श्री युवराज पडोले, उप संचालक (आयोजन और विपणन) मध्य प्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड ने पीपीटी के माध्यम से प्रदेश के पर्यटन गंतव्यों एवं टूरिस्ट आकर्षण के अन्य पहलुओं का संक्षिप्त विवरण दिया। उन्‍होने बताया कि “वन्यजीव सफारी, प्राकृतिक सुंदरता, साहसिक गतिविधियां, कैम्पिंग, वाटर स्पोर्ट्स, स्वादिष्ठ व्यंजन, विरासतीय स्थल, जनजातीय संस्कृति, हस्तशिल्प, वेलनेस तथा माइंडफुल पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। अपनी भौगोलिक स्थिति के चलते मध्यप्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है। राजमार्ग और रेलमार्ग के द्वारा हर हिस्से और हवाई मार्ग के द्वारा देश के प्रमुख हिस्सों से जुड़ा हुआ है।“